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संपादकीय

रोखठोक : दिल्ली से महाराष्ट्र …किरण पटेल सर्वत्र हैं!

संजय राऊत -कार्यकारी संपादक नया साल आया और चला गया। महाराष्ट्र के किसानों पर बेमौसम बारिश ने कहर बरपाया है। वे बर्बाद हो गए। कैसी...

संपादकीय : चोरों को चोर कहा! …क्या ये गुनाह हुआ?

राहुल गांधी की सांसदी रद्द करने की नृशंसता मोदी सरकार ने दिखाई है। चोरों को चोर कहने की हिम्मत राहुल द्वारा दिखाए जाने से...

संपादकीय : मुख्य न्यायाधीश का चिंतन और चिंता …आज सभी गुलाम हैं!

मीडिया मुक्त रहा तो ही लोकतंत्र टिकेगा, ऐसा स्पष्ट मत मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़ ने व्यक्त किया है। वैसे देखा जाए तो आज देश...

संपादकीय : मुंबई का चीरहरण!

मुंबई के वस्त्रोद्योग आयुक्तालय को नई दिल्ली स्थानांतरित करने का निर्णय मोदी-शाह सरकार ने लिया है। विधानसभा में विपक्ष ने जब इस पर सवाल...

संपादकीय : सत्य की गुढी सजाएं!

आज चैत्र शुद्ध प्रतिपदा यानी गुढीपाडवा है। हिंदू नव वर्ष के पहले दिन के रूप में, अन्य तमाम त्योहारों में गुढीपाडवा का एक अलग...

संपादकीय : खालिस्तान का नया भूत, तिरंगे को हाथ लगा!

प्रधानमंत्री मोदी अंधभक्तों के विश्व गुरु हैं, इस संबंध में हमें कुछ नहीं कहना है, लेकिन हमारे देश की राष्ट्रीय भावनाओं को दुनिया भर...

संपादकीय : लोकतंत्र में धमकी राज!

देश के विद्वान गृहमंत्री अमित शाह ने आखिरकार विवादित उद्योगपति गौतम अडानी पर अपना मुंह खोल दिया है। जिस किसी के पास भी अडानी...

रोखठोक : चुंबन, भय और ‘नाटू नाटू’!

संजय राऊत- कार्यकारी संपादक महाराष्ट्र में ‘चुंबन’ पर चर्चा चल रही है। किसान सड़क पर उतरा है। देश में ईडी, सीबीआई ने भय का माहौल...

संपादकीय : ५४ करोड़ स्वास्थ्य कोष …कर्नाटक की मगरूरी!

महाराष्ट्र में मिंधियों की ढीली-ढाली सरकार के सत्ता में आने के बाद से कर्नाटक के सत्ताधारियों की मुंहजोरी बढ़ गई है। कानड़ी सरकार के...

संपादकीय : फडणवीस का प्याज छीलना (अर्थात नाक से)

महाराष्ट्र के किसानों ने प्याज रास्ते में फेंककर भाजपा सरकार का निषेध किया। लेकिन नाक से प्याज छीलने का इस सरकार का काम जारी...

संपादकीय : लोकतंत्र का भूत! …लंदन के मंच पर गांधी!!

हिंदुस्थान में लोकतंत्र शेष बचा है क्या, यह सवाल निर्माण होने के दौरान ही लोकतंत्र का अपमान हुआ ऐसा गला फाड़ना यह केवल स्वांग...

संपादकीय : पुरानी पेंशन योजना …टालमटोल किसलिए?

राज्य में क्या सरकार नाम की कोई व्यवस्था अस्तित्व में है? इस तरह के सवाल खड़े करनेवाली घटनाएं फिलहाल पूरे राज्य में हर तरफ...

संपादकीय : जाति-जाति के महामंडल! …महाराष्ट्र बंटेगा तो नहीं ना?

जब किसी समाज को देने के लिए कुछ नहीं होता है तो सरकार उन्हें एकाध महामंडल बनाकर दे देती है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने...

संपादकीय : तानाशाही का अंत होगा!

देश ने १९७५ की कालावधि में इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल का अनुभव किया है। इस काले दौर को भी शर्म आए इस...

रोखठोक : भाजपा की खुली ‘मनी लॉन्ड्रिंग’

संजय राऊत-कार्यकारी संपादक देश को भ्रष्टाचार का दीमक सत्तारूढ़ भाजपा ने ही लगाया है। आपराधिक स्वरूप के व्यवहार के जरिए पैसे जुटानेवाले कई नेता भाजपा...

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