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नमस्ते सामना

आलसी की खोज!

एक 'आलसी' ने एक तोड़ ढूंढ़ निकाला पूरी आवाम को 'निठल्ला' बना डाला लाखों लोग हुए बेरोजगार/बेकार धरती पर ले लाया एक 'जुनूनी अवतार' एक ही यंत्र सशक्त,...

इन्हें उड़ जाने दो

कल्पनाओं की यह ऊंची उड़ानें, धरती से आसमान में पहुंचने के लिए अब इन्हें भी पंख फैलाने दो, ये बेटियां हैं, इन्हें उड़ जाने दो। हर एक क्षेत्र...

अपना वजूद तराश लूंगी

मेरे वजूद पर आज तक लिखे गए अनेकों पृष्ट। क्या कोई कर पाया मेरे साथ न्याय? नारी पुरुष थे पूरक परस्पर फिर छल क्यों किया पुरुष ने। अधूरा...

पलटू चाचा मारकर बैठ गए मैदान

पलटू चाचा मारकर। बैठ गए मैदान।। सपने में हैं पा गए। पूरा हिंदुस्थान।। अपने मन को मार कर। टैक्स दे रहे लोग।। उधर लगा है देश को । रेवड़ी वाला रोग।। पैसे...

अब तक

बहुत जी चुका खामोशी में अब मुझे पुकार लो। एक गीत गा कर मेरे इस मनहूस सन्नाटे को तोड़ दो। मैं गा नहीं सकता केवल कलम चलाता हूं अपने अन्दर...

न हो पाईं समझौता

वो मोहब्बत थी या फिर धोखा जो ना हो पाईं इक समझौता कभी होकर भी रहा उसका साँसों में चला उसके वो मेरे क़रीब थे मैं उसके करीब था ख़ामोशी की लहरों...

मेहनतकश : मेहनत के दम पर बदली किस्मत

सगीर अंसारी कहते हैं कड़ी मेहनत और लोगों की सेवा करने की जिद हो तो कोई भी बड़े से बड़ा काम सफल हो जाता है।...

स्कायवॉक पर जरा संभलकर!.. मानसून में जानलेवा हो जाता है पुल से आना-जाना

अनिल मिश्रा / उल्हासनगर उल्हासनगर रेलवे स्टेशन के पश्चिमी भाग से आनेवाले रेल यात्रियों का मानसून में भारी बरसात के चलते पुल पर पानी भरने...

संपादक के नाम पत्र : कुछ ही घंटों में बह जाती है मिट्टी और गिट्टी

उल्हासनगर में सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे दिखाई दे रहे हैं। उन गड्ढों को भरने के लिए मनपा ने पांच करोड़ रुपए मंजूर किए...

किस्सों का सबक : वास्तविक सृजन

डॉ. दीनदयाल मुरारका चित्रकार पिकासो के पास एक बार उनका मित्र आया। पिकासो उस समय चित्र बनाने में व्यस्त थे। मित्र ने उन्हें चित्रकारी करते...

तेरे इश्क नशे की..

तेरे इश्क नशे की है व्हिस्की तू मेरी हो या फिर किसकी तेरा बदन जो सारा है महका तेरा रंग जवां सबसे हल्का तू चलती है हिरनी जैसी तेरा...

गुरु

गुरु की लगी लगन गुरु ही ब्रह्मा गुरु ही विष्णु गुरु शिव का दर्शन गुरु की लगी लगन ज्ञान गुरु से मान गुरु से गुरु से ही सब धन गुरु की लगी...

ख्वाहिशें

मन की कोख से जन्म लेती ख्वाहिशें, जीने का सहारा बनती रंगीन ख्वाहिशें, दिन की महफिल सजाती ये ख्वाहिशें, रातों की रौनक बनाती ये ख्वाहिशें, हर पल जीवंत...

मनपा के फिक्स्ड डिपोजिट से होगा मेट्रो का निर्माण! …५०० करोड़ एमएमआरडीए को देगी सरकार

सामना संवाददाता / मुंबई मनपा द्वारा मौजूदा मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) को ५०० करोड़ रुपए आवंटित करने का निर्णय...

तुम कहीं और मैं कहीं और

किताबों में दुनिया छिपी है किताबों में मोहब्बत छिपी है किताबों में तुम कहीं गुम हो किताबों में मैं कहीं गुम हूं अपनी हर पहचान लापता है न तेरा...

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