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नमस्ते सामना

दीया

मैं अकेला रात भर जलता रहा लोग अपनी सोचते हैं, मैं दूसरों में उलझा रहा मैं अकेला रात भर जलता रहा क्यों जलाते हैं लोग मजलूम का घर क्यों पीटते...

घड़ियों की बाट

हद हो गई कयामत हो गई लम्हे गुजरते मजाक उड़ाते गए पसीने छूटे बेकरार होते गए नजर ठहर गई दिल तड़प गया जो मिलने वाला था पल वो ओझल...

कृष्ण नहीं आएंगे

नहीं कृष्ण आएंगे न ही दुष्टों का संहार करेंगे l कब तक बैसाखी लेने वालों का वो उद्धार करेंगे l उठो सभी अब अस्त्र उठाओ आतंक...

जीवन बेसुरा साज!

जीवन अपना, सपने आपने फिर ये कैसा खालीपन? उमड़ पड़ी है भीड़ में अपनों की फिर भी उखड़ा उखड़ा मन दर के रिश्ते 'सर्द' हुए और तप रहा मेरा...

उल्हासनगर में अवैध पानी के नल कनेक्शनधारकों समेत पानी चोरों पर होगी कार्रवाई…पानी को लेकर मनपा प्रशासन के खिलाफ बज रहा है विरोधी सुर

अनिल मिश्रा / उल्हासनगर उल्हासनगर में मनापा प्रशासन द्वारा पेश किए गए वर्ष 2025-2026 के बजट में पानी के बिल में दो गुना बढोत्तरी की...

उसकी कहानी

मैं सुनाने आया था कहानी अपनी, उसकी कहानी सुन, मैं अपनी भूल गया कहानी, कहानी में अंतर महज इतना, मैं कहता, "आंसू भी हैं" वो कहती, "आंसू ही हैं" मेरी...

गांधारी की आंखों की पट्टी

हो आत्म विश्वास चरम सीमा पर तब कोई विकल्प नहीं चुनता होता अति आवश्यक निर्णय लेना अनजाने अपने से ही छल होता भावुकता में आ जाता मन फिर भविष्य...

शायरी मन की

गहरे पानी में, उतरने से डर, हमें भी, लगता है पर समुंदर पार, करने का जज्बा हम भी रखते हैं दुश्मनों से कह दो, वार न करे, पीछे से सीने...

पैगाम

जला जो घर उसका रहे तमाशबीन बने हे मेरे रब है लोग कितने वेगाने । झूठ का फलसफा सुनने में मजा आता है तभी दोनों तरफ लोग है बड़े दिवाने । मुझे...

कहां गुम हो तुम

कहां गुम हो तुम सूना है आंगन रोती है आंखें चुपचाप, अब नहीं गूंजती गौरेया की चहचहाहट जो हर सुबह देती थी जीवन संदेश जगा देती थी नींद से लाती थी भोर...

कश्मीर घाटी फिर दहल गई

स्वर्ग सी सुंदर घाटी आज फिर दहल गई कायरता पूर्ण घटना के बेकसूर सैलानी शिकार बने। भौगोलिक सुंदरता को निहारते हंसते खेलते खुशी बटोरते निर्भय पर्यटक मौत के तांडव...

इंसान मरा है

न हिंदू मरा है न मुसलमान मरा है शायद तुम यह सोच लेते कोई इनसान मरा है । तुम में तो सम्प्रदायिकता कबीलाइकता है भरा सनातनियों को...

वादियों में धुआं

आए थे देखने जन्नत सैलानी पर पीछे पड़े थे उन्हें उखाड़ने शैतानी लक्षित पर रखा सबको पूछ के उनका नाम न रखें इस जमीं पर पांव यही था...

भारत बदला लेकर रहेगा ! 

मनुष्यता के तन-मन पर विषमय डंक तू मनुष्यता के ज्योतिर्मय पथ का पंक तू मनुष्यता के शशिमुख का कलुष कलंक तू मनुष्यता के विरुद्ध अपकर्म अशंक तू अनक्ष,...

एक एहसास ऐसा भी

एक एहसास ऐसा भी गिले शिकवे बहुत से है सुनने वाले बहुत कम से हैं ब्रह्मांड चलाने वाले बहुत से हैं पर धरती वाले अनजान से हैं फूल अटका...
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