माता ब्रह्मचारिणी
दुर्गा का दूसरा रूप सलोना, ब्रह्मचारिणी माता कहलाई।
कानों में कुंडल हाथ कमंडल श्वेतवसन में माता सुहाई।।
दाहीन हाथ में जप की माला बाएं हाथ...
नतीजे
आने लगे हैं
लोग
बुदबुदाने लगे हैं।
जो किए हैं ।
फल पाने लगे हैं ।
अब तो
कुछ लोग
कड़ुवाहट
गाने लगे हैं ।
पछताने लगे हैं ।
मगर वे
जो अंधे हैं
सकपकाने लगे...
`गुड़ी-पडवा' पर हर तरफ छाया हर्ष है,
बधाई हो सबको शुरू हुआ हमारा नववर्ष है।
हर घर-संस्थान ने `गुड़ी' प्रतिष्ठित की है,
सदियों की परम्परा की अभिव्यक्ति...
पूजा का सामान चाहिए।
दुनिया भर का ज्ञान चाहिए।।
व्यक्तिवाद से ऊपर उठकर।
सामूहिक सम्मान चाहिए।।
उम्मीदों में जीने वाला।
हंसता हुआ किसान चाहिए।।
उत्साहों से भरा हुआ यह।
प्यारा हिंदुस्थान...
गाना गाने वालों आओ।
अपना ढोल मंजीरा लाओ।।
काफी शोर हुआ दिल्ली में।
उसका थोड़ा अंश सुनाओ।।
किसने सारा माल उड़ाया ।
आज इशारे में समझाओ।।
चुप रहने का काम...
आई नवरात्रियां,
माताजी की रात्रियां!
चैत्र मास की नवरात्रियां,
जगराते की रात्रियां!
ढोल मंजीरे ले आओ,
आज माता का जगराता है...
माता की भेंटें गाओ!
सब के सब आ जाओ,
चोले को...