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नमस्ते सामना

ओउम् की महिमा

ॐ में है सारी सृष्टि समाई। ॐ सबकी सांसों में है समाया। ॐ से निर्मित है यह सृष्टि। ॐ ब्रह्मा-विष्णु-महेश नहीं, ॐ 'स्पंदन' है 'शक्ति' का। ॐ कण-कण में...

फर्ज निभाना है

हमें अपना फर्ज निभाना है लोकतंत्र की साख को बढ़ना है जन जन की आवाज को उठाना है हमें अपने वोट की ताकत को बताना है। राष्ट्र हमारा...

अरमानों का मटका

उम्मीद का घड़ा दिल में उबरा सौ आशाओं की मोतियों से जड़ा घड़ा था कुछ कंकर कुछ सोने से भरा कंकर जिसके हाथ लगा वो पानी में...

जीत हमारी होगी

पक्की जीत हमारी होगी। यह दुनिया भी प्यारी होगी।। हवा बहेगी मेहनत वाली। खेती अपनी सारी होगी।। सत्य यहां पर राज करेगा। नैतिकता अधिकारी होगी।। मानवता का बिगुल बजेगा। तर्क सभी...

एक तमीज सिखा दो

एक तमीज सिखा दो मुझे संस्कारों में बांध दो मुझे दुलार छोड़ो, चोट की अहम भूमिका लाओ मैं कागज हूं मां, लुगदी बनाओ अनगिनत प्रेम मुझे मिल जाए बरसों...

चुनावी चइता

आइल चुनाव के महीना (चुनावी चइता) आइल चुनाव के महीना ए रामा नेताजी बहावत पसीना पांचों वर्ष नेताजी ना गइले अपना क्षेत्र में आज उ नजर आवत पगडंडी...

रात भर चांद को मैं बुलाती रही

रात भर चांद को मैं बुलाती रही नींद आंखों से बस दूर जाती रही ख़्वाब नैनों में आने को बेताब थे बेकली रात भर ही जगाती रही टूट...

अरमां मेरे

घरोंदे दिल के टूट जाते हैं अपना होके भी रूठ जाते हैं कौन जिए इश्क में ऐसे ही अपना कहो वो गुजर जाते हैं जीने के लिए क्या...

समय से संकल्प

दुनिया ने जिसको दुत्कारा उसने अपने आप को खुद उबारा। न उसका न जमाने का कसूर यह तो है तकदीर का दस्तूर। मन को मना के तन को ठोस...

बदलेंगे मौसम

दरिया के पास प्यासे आने लगे हैं, बदलेगा मौसम बताने लगे हैं। कभी सोचने से न होती है बारिश, मन का वो बादल उड़ाने लगे हैं। आई है...

संपादक के नाम पत्र : पुलिस के सामने ऑटो चालक भर रहे हैं ओवर सीट

ठाणे यातायात पुलिस विभाग ने शहरभर में बड़े-बड़े पोस्टर लगाकर चेतावनी दी है कि यदि यातायात नियमों को तोड़ा तो उनके लाइसेंस, परमिट रद्द...

20 अप्रैल को प्रकाशित नमस्ते सामना में प्रकाशित पाठकों की रचनाएं

गुल्लक जिंदगी की गुल्लक में पाई-पाई रिश्तों की जोड़कर नादां दिल ने छोटी सी बचत की थी कुछ खोटे सिक्कों जैसी दोस्ताने शामिल थे कुछ पुराने नोटों से राबतों की शिरकत थी कर...

वर्तमान खो रहा हूं

मैं आज भी इतिहास ढो रहा हूं। पीछे जाकर रो रहा हूं। वर्तमान खो रहा हूं अलग अलग पो रहा हूं। जो होना था वह छोड़कर कुछ और ही...

नमस्ते सामना : चुनावी कुंडलियां

अपनी बारी आप भी, रखिए सोच-विचार। आने को है सामने, बचे दिवस दो-चार।। बचे दिवस दो-चार, फिर लौट चुनाव आया। जोड़ घटाकर रखें, कौन कितना भरमाया।। रखिए मुनि...

अपराजित

जीवन है एक लक्ष्य लक्ष्य को अपने पक्ष में करना है संघर्ष हाथों की लकीरों को मोड़ना गढ़े पहाड़ खदेड़ना पर अपने माथे पर कभी शिकन नहीं...

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