पक्की जीत हमारी होगी।
यह दुनिया भी प्यारी होगी।।
हवा बहेगी मेहनत वाली।
खेती अपनी सारी होगी।।
सत्य यहां पर राज करेगा।
नैतिकता अधिकारी होगी।।
मानवता का बिगुल बजेगा।
तर्क सभी...
गुल्लक
जिंदगी की गुल्लक में
पाई-पाई रिश्तों की
जोड़कर नादां दिल ने
छोटी सी बचत की थी
कुछ खोटे सिक्कों जैसी
दोस्ताने शामिल थे
कुछ पुराने नोटों से
राबतों की शिरकत थी
कर...
अपनी बारी आप भी, रखिए सोच-विचार।
आने को है सामने, बचे दिवस दो-चार।।
बचे दिवस दो-चार, फिर लौट चुनाव आया।
जोड़ घटाकर रखें, कौन कितना भरमाया।।
रखिए मुनि...