उमेश गुप्ता / वाराणसी
काशी विश्वनाथ मंदिर गेट पर अवैध तरीके से दर्शन कराने और प्रसाद-लॉकर के नाम पर मनमाने रुपए ठगने वाले 21 दलाल और ठगों को पुलिस ने मंगलवार दोपहर दबोच लिया। एसीपी दशाश्वमेध के साथ टीम ने गेट के बाहर फर्जी पुजारी और पंडा बनकर घूमते युवकों हो हिरासत में ले लिया।
पुलिस की कार्रवाई से मंदिर गेट पर हडकंप मंच गया और फर्जी पुजारी गलियों में भागने लगे। पुलिस ने दौड़ा-दौड़ाकर अनधिकृत तरीके से धन उगाही करने वालों को पकड़ा और हिरासत में लेकर दशाश्वमेध थाने लाई। इन सभी को खिलाफ विधिक कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। मंगलवार को पुलिस ने काशी विश्वनाथ मंदिर गेट पर फर्जी पुजारी-पंडा और अन्य अवैध ठगी करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया। एसीपी दशाश्वमेध अतुल अंजान त्रिपाठी के नेतृत्व में थाना चौक और दशाश्वमेध पुलिस ने कार्रवाई की। गेट पर पुजारी और पंडा की वेशभूषा में खड़े लोगों से पूछताछ शुरू की।
उनसे मंदिर की ओर से निर्गत आइडी कार्ड मांगा, नाम और पता पूछा। विवरण नहीं देने वालों को हिरासत में ले लिया। कुछ लोगों को पकड़ते देखकर गेट पर फर्जी पुजारी और पंडा गलियों में भागने लगे, जिन्हें पुलिस ने दौड़ाकर दबोच लिया।
ये सभी गोदौलिया से लेकर मैदागिन तक पैसा लेकर श्रद्धालुओं को अवैध तरीके से बाबा विश्वनाथ का दर्शन कराने वाले दर्शन कराने, प्रसाद के नाम पर भी मनमाना पैसा वूसल रहे थे। जबकि समान्य दर्शन निशुल्क है। एसीपी ने बताया कि दोनों टीमों ने लगभग 21 अवैध लोगों को गिरफ्तार किया। ये फर्जी पुजारी और पंडा वाराणसी के अलावा मिर्जापुर, चंदौली, गाजीपुर और जौनपुर के निवासी हैं। सभी के खिलाफ अलग-अलग थानों में कार्रवाई की जा रही है।