मुख्यपृष्ठअपराधमीठी नदी के नाम पर ६५.५४ करोड़ रुपए की ठगी

मीठी नदी के नाम पर ६५.५४ करोड़ रुपए की ठगी

-मनपा के अधिकारी और ठेकेदारों की मिलीभगत से हुआ बड़ा घोटाला…झूठे कागजातों के आधार पर उठाई सरकारी रकम

सगीर अंसारी / मुंबई

मीठी नदी के पुनर्जीवन कार्य में भारी गड़बड़ी सामने आई है। आर्थिक अपराध विभाग द्वारा की गई जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि कई ठेकेदार कंपनियों ने झूठे दस्तावेजों के आधार पर काम का दावा किया और महानगरपालिका के कुछ अधिकारियों ने बिना किसी सच्चाई की पुष्टि किए उन्हें सरकारी लाभ दिलाया।
जांच के दौरान ९ जगहों से जुड़े सहमति पत्र (एमओयू) की जांच की गई, जिनमें से कई पर न तो ठेकेदार के हस्ताक्षर थे और न ही तारीख। कुछ दस्तावेजों पर किसी अन्य व्यक्ति ने हस्ताक्षर किए थे। जब जमीन मालिकों से पूछताछ की गई, तो उन्होंने साफ इनकार किया कि उन्होंने न तो कोई सहमति दी है और न उनकी जमीन पर कोई काम हुआ है।
जांच में जिन कंपनियों पर आरोप लगे हैं वे हैं–अक्युट डिजाइंस, कैलास कंस्ट्रक्शन कंपनी, एन.ए. कंस्ट्रक्शन, निखिल कंस्ट्रक्शन कंपनी और जे. आर. एस. इन्फ्रॉस्ट्रक्चर। इन कंपनियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर महानगरपालिका से करोड़ों रुपए का भुगतान हासिल किया।
मनपा के पर्जन्य जल वाहिन्या विभाग के सहायक अभियंता प्रशांत रामुगडे, उप प्रमुख अभियंता गणेश बेंद्रे, तायशेट्टे समेत कई अधिकारियों ने इन कागजातों की बिना सत्यता जांच किए मंजूरी दी। इन अधिकारियों ने मॅटप्रॉप, विरगो स्पेशालिटी और व्होडर इंडिया कंपनियों के संचालकों के साथ मिलकर मशीनों की खरीदी में भी धांधली की।
इन सबकी मिलीभगत से महानगरपालिका को ६५.५४ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस मामले में अब आजाद मैदान पुलिस ठाणे में भारतीय दंड संहिता की धारा ४०६, ४०९, ४२०, ४६५, ४६७, ४६८, ४७१, व १२० (ब) के अंतर्गत आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। यह मामला अब आर्थिक अपराध विभाग को सौंपा गया है और आगे की जांच प्रगति पर है।

अन्य समाचार