सामना संवाददाता / मुंबई
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रतोद सुनील प्रभु ने कल विधानसभा में सरकार से दिंडोशी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी और न्यू म्हाडा दिंडोशी कॉलोनी के पुनर्विकास के लिए स्थानीय निवासियों के संगठन के साथ एक संयुक्त बैठक बुलाने की मांग में की। इसके साथ ही, वनराई और अंधारी की पीएमजीपी कॉलोनी के पुनर्विकास में तेजी लाने की मांग की है।
उक्त कॉलोनी के पुनर्विकास की ओर इशारा करते हुए सुनील प्रभु ने कहा कि मेरे निर्वाचन क्षेत्र में दिंडोशी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी और न्यू म्हाडा डिंडोशी कॉलोनी को बनाए रखना म्हाडा के लिए असंभव था। ऐसे समय में ये सभी मंडल पुनर्विकास के लिए तैयार होंगी। इसलिए उन्हें म्हाडा से मदद की जरूरत है। लेकिन म्हाडा मदद नहीं कर रहा है। उस संबंध में वहां के जनप्रतिनिधि और महासंघ को बुलाकर निर्णय लें। जोगेश्वरी डिविजन में हाईवे से सटी म्हाडा की वन कॉलोनी है। इस कॉलोनी के निर्माण को कई साल बीत चुके हैं, लेकिन म्हाड द्वारा कॉलोनी की नालियां, रखरखाव और अन्य कार्य नहीं किए जा सके हैं। ये निवासी पुनर्विकास के लिए तैयार हैं। लेकिन इस कॉलोनी का पुनर्विकास तय नहीं हो सका है। डेवलपर्स आते हैं और चले जाते हैं। लेकिन कोई पुनर्विकास नहीं हुआ है। उस संबंध में रहवासी संघ को बुलाकर निर्णय लिया जाना चाहिए। अंधेरी की पीएमजीपी कॉलोनियां जर्जर हो चुकी हैं। लोग पुनर्विकास के लिए तैयार हैं। पिछली बार एक डेवलपर पुनर्विकास के लिए आगे आया था। लेकिन आगे कुछ नहीं हुआ। दो दिन पहले कॉलोनी में एक मकान का स्लैब गिर गया और एक बीमार महिला बाल-बाल बच गई। इमारत कभी भी गिर सकती है। इस सत्र के दौरान फेडरेशन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को बुलाकर पुनर्विकास पर निर्णय लें। अन्यथा, सरकार को यह भी बताना होगा कि पीएमजीपी कॉलोनी के ढहने से हुई जनहानि के मामले में किस पर मामला दर्ज किया जाएगा? सुनील प्रभु द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए आवास मंत्री अतुल सावे ने कहा कि अगर दोनों म्हाडा कॉलोनियां स्व-पुनर्विकास के लिए तैयार हैं, तो उन्हें जल्द ही अनुमति दी जाएगी।