सामना संवाददाता / नई दिल्ली
संसद सत्र के दौरान राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे का एक अलग ही रूप देखने को मिला। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अचानक भावुक हो गए। दरअसल, खड़गे मंगलवार को राज्यसभा में भाजपा नेता घनश्याम तिवारी की टिप्पणी से आहत थे। भाजपा सांसद घनश्यान तिवारी ने मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम पर कुछ टिप्पणी की थी और उनके ऊपर परिवारवाद का आरोप लगाया था। आज जब राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो मल्लिकार्जुन खड़गे अपनी सीट से उठे और उन्होंने कहा कि उनके मां-बाप ने उनका नाम बहुत सोच समझकर रखा था। उनके पिता चाहते थे कि १२ ज्योतिर्लिंग में से एक उनके बेटे का नाम हो। घनश्याम तिवारी को उनके नाम से क्या दिक्कत है, जो उन्होंने ऐसा बोला। घनश्याम तिवारी ने परिवारवाद का भी आरोप लगाया है, जबकि वह अपने परिवार से राजनीति में आनेवाले पहले सदस्य हैं। बता दें कि अपने ऊपर परिवारवाद का आरोप लगने पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, `जब मैं सदन में नहीं था उस समय घनश्याम तिवारी जी ने एक मुद्दा उठाया था। पॉलिटिक्स में मेरा पहला जेनरेशन है। इसके पीछे मेरे बाप नहीं थे। मां नहीं थी। पिताजी ने मुझे पाला पोसा। यहां तक मैं उनके आशीर्वाद से पहुंचा हूं।’ खड़गे ने कहा, `मैं जीना नहीं चाहता।’ इस पर जब सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आप अभी और जिएंगे।