मुख्यपृष्ठस्तंभब्रजभाषा व्यंग्य : खैर, अपुन कों का

ब्रजभाषा व्यंग्य : खैर, अपुन कों का

नवीन सी. चतुर्वेदी

ऑफिस में काम करते-करते भए बोर है गयौ तौ सोची चलौ नेंक समाचार सुन लेंय। टीवी खोली तौ सुनाई परी- देखिए, हमारे चैनल पर सबसे पहली बार। मन में सोची ये आठवों आश्चर्य वैâसें है सवैâ, सब सों बाद में जो नींद सों जागै है वौ सब सों पहलें खबर वैâसें बताय सवैâ। खैर, अपुन कों का।
खबर हुती- भारी तबाही से जनजीवन बेहाल। हमें लग्यौ रूस और युक्रेन युद्ध की बात कर रह्यौ होयगौ। तबाही तौ है ही रही है भैया, सिगरी दुनिया कों साफ-साफ दिख हु रही है, अब यै थोरी अलग जैसी बात है कि लगभग सिगरी की सिगरी दुनिया दोउ-दोउ आँख’न वारी होते भए हू सूरदास जैसी बनी भई है। खैर, अपुन कों का।
खबरची आगें बोल्यौ- उत्तराखंड के केदारनाथ की पहाड़ियों पर भयंकर बादल फटा। बात अब नेंक समझ में आई। देखौ साब, यै बादर फटवे वारी बात है तौ भोत ही दु:ख की, यै कोउ खुसी की बात थोरें ही है, परंतु का करें जब मनुष्य नें पर्यावरण कौ बैंड बजायवे की ठान ही लीनी है तौ भैया कुदरत हू तौ अव्वल वारी डांस मास्टर है। वा नें हु मनुष्य’न सों समय-समय पै ऐसे-ऐसे कत्थक, कुचिपुड़ी और भरत नाट्यम करवाये हैं कि पूछौ ही मत। खैर, अपुन कों का।
खबरची आगें बोल्यौ- बादल के फटने से समूचा जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, लोगों के हाल बेहाल हैं। हें, या में कौन सी नई बात है। जनजीवन तौ अनादि काल सों अस्त-व्यस्त है। लोग’न के हाल का आज पहली बार बेहाल भए हैं। जब जलियावाला कांड भयौ तब हु जनजीवन अस्त-व्यस्त हुतो और लोग हाल-बेहाल, जब राम और कृष्ण कों जनम लैनों पर्यौ हुतो तब हु लोग’न कौ जीवौ दुस्वार ही हुतो, और जब वराह अवतार भयौ हुतो भैया तब हु जनार्दन जा सों कह्यौ जावै वौ जनता अत्याचार की चकिया में पिस ही रही हुती, अब कौन सी नई बात है गई। खैर, अपुन कों का।
खबरची आगें बोल्यौ- उत्तराखंड के केदानाथ धाम में बादल फटने से बेहाल हुए लोगों की सहायता के लिए सरकार ने करोड़ों रुपए की मदद का एलान किया है। हमारे अधर’न पै नेंक मुस्कान आई और मन ही मन बोले कि एक और सरकारी मदद कौ एलान। खैर, अपुन कों का।

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