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जानलेवा हो सकते हैं वसई-विरार के नाले…जगह-जगह टूटे हुए हैं ढक्कन…गिरने से कई स्कूली बच्चे हो चुके हैं घायल

राधेश्याम सिंह / वसई

वसई-विरार शहर महानगरपालिका क्षेत्र की ऊबड़-खाबड़ अनेक सड़कें, मुख्य नाले और गटर के ऊपर टूटे व खुले ढक्कन बारिश के समय आम जनता के लिए चिंता के विषय बने हुए हैं। रोड के किनारे बने गटर के ढक्कन टूटे-फूटे होने के कारण आने-जानेवाले स्कूल के छोटे बच्चे कई बार गटर या नाले में गिर जाते हैं, जिसकी वजह से बच्चे घायल हो जाते हैं। इस तरह की घटनाएं कई बार हो चुकी हैं।
पिछले महीने खुले गटर में गिर जाने से एक १३ वर्षीय बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया था। बारिश के समय रोड के किनारे बने गटर पर आने-जानेवाले नागरिकों और स्कूली बच्चों का परेशान होना कोई नई बात नहीं है, क्योंकि हर साल बारिश के आने से पहले मनपा आयुक्त अधिकारियों को आदेश तो देते हैं, लेकिन ठेकेदार और ठेका अभियंता के आगे लाचार मनपा के अधिकारी एसी केबिन में बैठकर सिर्फ बिल पास करने में ही व्यस्त रहते हैं, इसी कारण हर साल छोटे बच्चे, वृद्ध, आम जनता और वाहन चालक सड़कों पर जलभराव के कारण और खुले गटर में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त होते हैं।
हर साल हो रही दुर्घटनाओं के बावजूद अधिकारी अपनी जिम्मेदारी कब समझेंगे, ऐसा सवाल आम जनता  कर रही है। इन सब मुद्दों को लेकर समाज सेवक निलेश भट्ट ने मनपा आयुक्त से मांग की है कि सभी ९ प्रभागों के अधिकारियों को नागरिकों की सुरक्षा के लिए उन्हें उनकी जिम्मेदारी याद दिलाते हुए कड़े आदेश जारी करें कि यदि ठेकेदार की लापरवाही के कारण किसी भी निर्दोष व्यक्ति के साथ कोई अप्रिय घटना घटती है तो उसके लिए संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होगा। जब तक अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक अधिकारी अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेंगे और निर्दोष नागरिक इसी प्रकार ठेकेदार और अधिकारियों की लापरवाही के शिकार बनते रहेंगे।

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