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सावन के चौथे सोमवार को भी श्री काशी विश्वनाथ के दरबार में भक्तों का उमड़ा हुजूम

बाढ़ के चलते गंगा द्वार के बंद रहने के कारण सड़कों पर दो किलोमीटर लंबी लगी लाइन

उमेश गुप्ता / वाराणसी

सावन के चौथे सोमवार पर काशी विश्वनाथ धाम में भोले भक्तों का रेला उमड़ पड़ा। आधी रात के बाद से ही गंगा स्नान के बाद कतारबद्ध होकर भक्तों ने बाबा दरबार में मत्था टेका। इस दौरान गोदौलिया से लेकर दशाश्वमेध घाट और काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर हर-हर महादेव व हर- हर गंगे के उद्घोष से गूंजता रहा।

सावन के चौथे सोमवार पर नाथों के नाथ बाबा विश्वनाथ के दर पर भक्तों का 2 किलोमीटर लंबी कतार लगी और मंदिर के आसपास का इलाका कावड़ियों से भरा हुआ रहा। बोल बम, हर हर महादेव के जयघोष के बीच शिव भक्त सुबह से ही बाबा का जलाभिषेक करते रहे।

मंदिर प्रशासन के अनुसार काशी विश्वनाथ मंदिर में भक्तों का स्वागत रेड कारपेट पर हो रहा है। इसके अलावा उन पर फूल भी बरसाए गए।काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा और सुगम दर्शन का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। वहीं भक्त भी मंदिर प्रशासन की व्यवस्थाओं से खुश दिखे।
सावन के चौथे सोमवार को 3 लाख भक्तों ने बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई। रविवार को भी 2 लाख से ज्यादा भक्त काशी विश्वनाथ मंदिर आए थे। बीते सोमवार को भी 3 लाख से ज्यादा भक्तों ने दर्शन किए थे।

शाम को दरबार में बाबा विश्वनाथ का रूद्राक्ष श्रृंगार हुआ। गोदौलिया से गेट नंबर चार, दशाश्वमेध से ढुंढिराज बांसफाटक, चौक से गेट नंबर चार तक की बैरिकेडिंग में श्रद्धालु बाबा का रुद्राक्ष श्रृंगार का झांकी दर्शन पाने के लिए शाम से एक बार फिर कतारबद्ध हुए। इसमें शहरी भीड़ अधिक रही।
गंगा बाढ़ बाढ़ का पानी होने की वजह से मंदिर के गंगा द्वारा को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया था शायद यही वजह थी की मंदिर के तीनों अन्य द्वारों पर श्रद्धालुओं की लंबी कतार रही। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह चौकस रहा। पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल अपने मातहतों संग स्वयं मंदिर परिसर के साथ ही आसपास का जायजा ले रहे थे।

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