– एमएमआरडीए ३३२ वर्ग किमी में बनाएगी नया शहर
सामना संवाददाता / मुंबई
किसानों को विश्वास में लिए बिना सरकार ने मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) से उरण, पनवेल और पेण में किसानों की जमीन अधिग्रहण करने का पैâसला किया है। ऐसे में सिडको की नैना की तरह किसानों के आशियाने का क्या होगा, इस पर सवाल उठ रहा है। किसान पूछ रहे हैं कि क्या राज्य की नई सरकार किसानों के सुझावों और आपत्तियों पर ध्यान देगी।
तीसरे मुंबई शहर को विकसित करने के लिए एमएमआरडीए को नए शहरी विकास प्राधिकरण (एनटीडीए) के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की है। इसके लिए उरण तालुका में २९, पनवेल में ७ और पेन में ८८ में कुल १२४ गांवों में ३३२ वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में यह नया शहर बनाया जाएगा। शहर को मुंबई के बीकेसी की तर्ज पर करनाला-साई-चिर्नेर (केएससी) कॉम्प्लेक्स के नाम से जाना जाएगा। इसके लिए यहां के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। किसानों ने विरोध शुरू कर दिया है क्योंकि सरकार ने उन्हें विश्वास में लिए बिना पैâसला लिया है। मार्च महीने में किसानों ने कोंकण भवन स्थित कोंकण टाउन प्लानिंग विभाग में २५ हजार आपत्तियां और सुझाव दर्ज कराए थे। एक दिन पहले एमएमआरडीए को नया नगर निगम प्राधिकरण नियुक्त किया है। इसलिए किसानों में असंतोष है। किसानों ने एमएमआरडीए की अधिसूचना पर आपत्ति जताई थी क्योंकि सरकार शहरों और उद्योगों के निर्माण के लिए किसानों की जमीन छीन रही थी। इसे नजरअंदाज कर दिया गया है।