डॉ. ममता शशि झा मुंबई
नीलू के बियाह ठीक भेलनि त नबका चलन के हिसाब स हल्दी, मेहंदी आ संगीत के कार्यक्रम राख के प्रस्ताव नब तूरिया सबके द्वारा राखल गेल आ तकर मंजूरी बिना कोनो बाधा के पैघ सब द्वारा अपना आप के मॉडर्न देखाब के लेल पारित भ गेल, मुदा नीलू के नानी के इ सब अनसुहाँत लगलनि ओ बजलि ‘मेंहदी आ संगीत भले राखू मुदा हल्दी नहीं ओ त दनोही दिने लगतइ।’
नानी असगरे बड़बड़ेनाइ शुरू छलनि, ‘कहू त अपना सब में इ नचनाइ के कोनो प्रथा छल, गीत गाब के ढंग ककरो नइ छनि आ नाच-कूद के लेल सब तैयार। नाच लेल नटुआ अबइ छल आब ओकर कोनो मोजर नहि कियेक त आब अपने सब नटुआ बनल रहइया। खैर, नानी के बात अनठियबइत सब गोटे मेहंदी आ संगीत के कार्यक्रम के तैयारी में लागी गेलथि। आब समस्या इ छल जे के कोन गीत पर नाचत? किनको नाच अबिते नहि छलनि। सब गोटे एतेक खराब नचइ चला जे हुनका सबके सामने धर्मेंद्रो, ऋतिक रोशन जाँका लगितनि! नीलू के ममियौत कोरियोग्राफर के बजा के ल अनलक आ ओकरा सबके किछु-किछु सिखा देब लेल कहलकइ। कोरियोग्राफर पहिल दिन आबि क सबके फिल्मी गीत पर नृत्य कर लेल कहलकइ इ देख लेल जे अहाँ सब के जेना नाच अबइया तेना नाचू। ओ जहन सबके नचइत देखलकइ त ओकरा मोन के भेलइ जे येत सँ पड़ा गेनाइये उचित, मुदा पाई ल लेने छलइ, बेचारा के घर के जिम्मेदारी छलइ अस्तु सीखेनाइ शुरू केलक। जहन ओ कहइ बाम घूम लेल त सब दहिन घुमि जाय, डॉर घुमाब लेल कहइ त पूरा देह के घुमा लइ जाथिन सब गोटे। आँखि के संगे पूरा मुंह गरदनि संगे शरीर के पूरा उपरका भाग। कोरियोग्राफर परेशान परेशान भ जाय छलइ, हिनका सब के नृत्य देखि क तामसों उठइ छलइ आ हंसियों लगइ छलइ। पहिने इ तय भेल जे पति-पत्नी सब के सिखाओल जाय सब गोटे अपन-अपन प्रस्तुति देता, हिनकर सबके नृत्य देखि क कोरियोग्राफर सब दंपति के संगे कहलक जे नृत्य क लिय किएक त सबके फराक-फराक सिखाब लागब त बियाह बिना संगीत के कार्यक्रम के कर पड़त!
नबतुरिया बच्चा सब हिनकर सबके नचनाइ देखि क पहिने सँ अपन गुट अलग क लेने छलाह। कोरियोग्राफर मोन में सोचि रहल छल जे ओ कोरियोग्राफर स आइ रिंगमास्टर बनि गेल अछि। अंत में ओ सुझाव देलकइ जे ओ अपने मंच पर जा क नृत्य करत आ अहाँ सब गोटे पाछा में आबि क जकरा जेना मोन हैत से नाचि लेब! नानी इ सब देखइत सोचलनि जे आर करु देखाउन्स!!