अनिल मिश्रा / उल्हासनगर
उल्हासनगर मनपा कंगाल हो गई है। साथ ही मनपा को व्यापारियों द्वारा भी सहयोग नहीं मिल रहा है। मनपा द्वारा निश्चित दर पर बाजार के लोगों के द्वारा लाइसेंस लेने के लिए नियम बनाया गया है। उक्त नियम को न मानने के साथ ही सहयोग न देने के कारण मनपा को प्रति वर्ष ३-४ करोड़ रुपए का फटका लग रहा है।
इस आर्थिक फटके के चलते विकास योजना, लोगों के वेतन, ठेकेदारों की बकाया राशि देने में भी मनपा प्रशासन को कठिनाई हो रही है। मनपा की आर्थिक तंगी के लिए मनपा प्रशासन की लाचारी भी कारगर साबित हो रही है। इस आर्थिक बदहाली के कारण मनपा का बाजार व लाइसेंस विभाग फेल होता दिखाई दे रहा है। बता दें कि उल्हासनगर मे लाखों व्यापारी, हैं, जो घर से लेकर दुकान, रास्ते पर व्यापार कर रहे हैं। ४४४ व्यापारियों ने एक साल के दरमियान लाइसेंस के लिए आवेदन किया है।
बाजार व लाइसेंस विभाग के प्रमुख विनोद केने ने बताया कि लोगों की टैक्स पावती एरिया के हिसाब से निर्धारित किया गया है। सरकार को मान्यता के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। सरकारी मान्यता मिलने के बाद आयुक्त विशाल ढाकने के आदेश पर आवेदन न करने वाले लोगों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। ६० हजार के करीब व्यापारी आज भी लाइसेंस के लिए आगे नहीं आ रहे हैं, जिससे ३ से ४ करोड़ रुपए का फटका लग रहा है। उल्हासनगर में प्रति वर्ष अभय योजना लाने के बाद भी लोग जिस प्रकार से हाउस टैक्स भरने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं, उसी तरह इस मामले में भी व्यापारी जागरुकता नहीं दिखा रहे हैं।