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ईडी २.० का दिखा असली रंग, ५ लाख लाडली बहनें बाहर! …योजना के मानदंडों में भी हुआ बदलाव

सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पिछली सरकार के लिए मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना लाभकारी साबित हुई थी। विधानसभा चुनाव बीतने के बाद सत्ता में आते ही ईडी २.० का असली चेहरा लाडली बहनों के सामने आने लगा है। बताया गया है कि अब तक राज्य में पांच लाख महिलाओं को योजना से बाहर कर दिया गया है। इतना ही नहीं योजना के मानदंडों में भी बदलाव किया गया है, जिसकी जानकारी राज्य की महिला व बाल विकास मंत्री आदिति तटकरे ने एक्स पर दी है।
आदिति तटकरे ने एक्स पर किए गए पोस्ट में कहा है कि २८ जून २०२४ और ३ जुलाई २०२४ को जारी किए गए शासनादेश के अनुसार अपात्र घोषित की गई महिलाओं को `मुख्यमंत्री मेरी लाडली बहन’ योजना से बाहर किया जा रहा है। अदिति तटकरे के मुताबिक, संजय गांधी निराधार योजना के लाभार्थी २,३०,००० महिलाओं को बाहर किया गया है। साथ ही ६५ वर्ष से अधिक उम्र की १,१०,००० महिलाओं को योजना से अयोग्य घोषित किया गया है। परिवार के सदस्यों के नाम पर चार पहिया वाहन वाली, नमो शक्ति योजना की लाभार्थी और स्वेच्छा से योजना से नाम वापस लेने वाली कुल १,६०,००० महिलाएं हैं। इन सभी में करीब २३ हजार मुंबई की भी लाडली बहनों का समावेश है। इस तरह नए मानदंडों के अनुसार, इस योजना से अब तक पांच लाख महिलाएं अपात्र घोषित किया गया है। विधानसभा चुनावों से पहले घोषित कई योजनाओं के कारण सरकारी खजाने पर भारी आर्थिक दबाव पड़ रहा था। इसके लिए विरोधियों ने अन्य योजनाओं के फंड में कटौती करने का आरोप लगाया था।

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