सामना संवाददाता / मुंबई
समान काम के लिए समान वेतन की नीति को लागू करने में नई मुंबई मनपा की अनिच्छा के कारण विभिन्न विभागों में कार्यरत ८,५०० ठेका कर्मचारी आज सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। श्रमिकों ने चेतावनी दी है कि यदि समान कार्य का अर्थ समान वेतन नहीं है तो अब पीछे हटने का कोई रास्ता नहीं है। इस हड़ताल से नई मुंबई के लोगों के लिए कचरा का संकट पैदा हो जाएगा।
नई मुंबई मनपा के ठोस अपशिष्ट, जलापूर्ति, उद्यान और स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत ठेका श्रमिकों के लिए समान कार्य समान वेतन नीति लागू करने का निर्णय २००७ में लिया गया था। वर्तमान में संविदा कर्मचारियों को २६,९०७ रुपए मासिक वेतन मिलता है। यदि समान कार्य के लिए समान वेतन की नीति अपनाई गई तो यह वेतन ४,४०७ रुपए कम हो जाएगा और श्रमिकों का वेतन सीधे २२,५०० रुपए पर आ जाएगा। यह अभिप्राय समिति ने दिया है।
समाज समता कामगार संघ के महासचिव मंगेश लाड ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि यह धोखाधड़ी है और घोषणा की कि सफाई कर्मचारी आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इस अवसर पर महाराष्ट्र म्युनिसिपल वर्कर्स यूनियन के महासचिव मिलिंद रानाडे, गजानन भोईर, महेंद्र पाटील, गणेश पाटील, संतोष पाटील आदि उपस्थित थे।
समान कार्य के लिए समान वेतन का प्रस्ताव पहले भी सरकार को भेजा गया था। तत्कालीन आयुक्त अभिजीत बांगर ने सरकार को बताया था कि यदि इस प्रस्ताव को लागू किया गया तो इससे सरकारी खजाने पर २२ करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। इसके बाद तत्कालीन आयुक्त राजेश नार्वेकर ने सरकार से अनुदान की मांग करते हुए बताया था कि इस नीति को लागू करने के बाद २७.३४ करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय आएगा। हालांकि, वर्तमान आयुक्त डॉ. वैâलाश शिंदे की समिति ने निष्कर्ष निकाला है कि प्रत्यक्ष कर्मचारियों के वेतन में कटौती की गई है और यह रिपोर्ट जानबूझकर तैयार की गई है।