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मुंबई का मेकअप बहा!..ब्यूटीफिकेशन प्रोजेक्ट हुआ कबाड़…` १,७०० करोड़ मनपा ने किए बर्बाद…दो साल पहले शुरू हुई थी योजना

-एलईडी लाइटें, लाइब्रेरी, कैफे, ट्रैफिक आइलैंड, सजावटी संरचनाएं सभी हो गए भंगार…` १,७०० करोड़ मनपा ने किए बर्बाद…दो साल पहले शुरू हुई थी योजना

सामना संवाददाता / मुंबई

मनपा ने शहर को सुंदर बनाने के लिए १,७०० करोड़ रुपए का ब्यूटीफिकेशन प्रोजेक्ट शुरू किया था, लेकिन दो साल बाद ही यह योजना पूरी तरह से फेल हो गई है। यह प्रोजेक्ट कबाड़ हो चुका है। ऐसे में कहा जा रहा है कि मुंबई को सुंदर बनाने के लिए ‘ईडी’ सरकार ने जो मेकअप लगाने का ड्रामा किया था, वह बह गया है। १३ करोड़ रुपए की लागत से बनाई गई लाइब्रेरी और वैâफे बसें चालू होने से पहले बंद हो गर्इं। करोड़ों की एलईडी लाइटें जगह-जगह खराब पड़ी हैं। ट्रैफिक आइलैंड और डिवाइडर टूट चुके हैं।

बस प्रोजेक्ट बना सफेद हाथी
जेजे फ्लाई ओवर के नीचे १३ करोड़ रुपए की लागत से तीन डबल डेकर बेस्ट बसों को लाइब्रेरी आर्ट गैलरी और कैफे में बदला जाना था, लेकिन उद्घाटन के चार महीने बाद भी यह चालू नहीं हो सका। अब प्रशासन कह रहा है कि इन बसों को महिला स्वयं सहायता समूहों को दे दिया जाएगा।
बिना योजना करोड़ों स्वाहा
ब्यूटीफिकेशन के नाम पर मनपा ने कई जगहों पर ऐसे निर्माण कार्य किए, जो अब नई परियोजनाओं के चलते तोड़े जा रहे हैं। गिरगांव चौपाटी पर लेजर शो, ट्रैफिक आईलैंड, स्ट्रीट आर्ट और पेड़ों की लाइटिंग पर करोड़ों खर्च किए गए, लेकिन इनमें से ज्यादातर चीजें कुछ ही महीनों में खराब हो गर्इं।
३०० करोड़ की मूर्तियां भी विवादों में
मेट्रो-२बी प्रोजेक्ट के तहत ३०० करोड़ रुपए की लागत से सड़क किनारे बॉलीवुड थीम वाली मूर्तियां लगाई जा रही हैं, जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया है। लोगों का कहना है कि जब मेट्रो प्रोजेक्ट पूरा होने में दो साल लगेंगे तो इतनी जल्दी इन्हें लगाने की क्या जरूरत थी?
सौंदर्य पर किए खर्च का हिसाब दो!
मुंबई को सुंदर बनाने के नाम पर भारी घपला किया गया है। इस मद में १,७०० रुपए आनन-फानन में खर्च कर दिए गए। अब मनपा के इस १,७०० करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट पर सवाल उठ रहे हैं। विपक्ष के साथ ही आम लोग भी मांग कर रहे हैं कि इस पूरे खर्च का हिसाब दिया जाए और एक श्वेत पत्र जारी किया जाए।
सरकार बदलते ही बदली नीति
२०२२ में जब शिंदे-फडणवीस सरकार सत्ता में आई तो ‘टैक्टिकल अर्बनिज्म’ की जगह ‘सिटी ब्यूटीफिकेशन’ प्रोजेक्ट शुरू कर दिया गया। टैक्टिकल अर्बनिज्म को पहले शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता, युवासेनाप्रमुख व विधायक आदित्य ठाकरे ने बढ़ावा दिया था। इसमें स्कूलों के आस-पास के इलाकों को पैदल यात्रियों के अनुकूल बनाना, सुरक्षित फुटपाथ और बेहतर सड़कें बनाना शामिल था।

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