मुख्यपृष्ठनए समाचारशिंदे की योजनाएं होंगी बंद ...देवेंद्र का झटका दे दनादन!

शिंदे की योजनाएं होंगी बंद …देवेंद्र का झटका दे दनादन!

सामना संवाददाता / मुंबई
महायुति में एकनाथ शिंदे का वैलेंटाइन अब खत्म हो गया है। देवेंद्र फडणवीस जब से मुख्यमंत्री पद पर आसीन हुए हैं, तब से वे शिंदे और उनके गुट को दे दनादन झटके देकर परेशान कर रहे हैं। पालक मंत्री पद को लेकर शिंदे गुट द्वारा विवाद खड़ा करने के बाद रायगड और नासिक जिले के पालक मंत्री पद के पैâसले पर फडणवीस ने रोक लगा दी थी। इसके बाद शिंदे द्वारा शुरू की गई कई योजनाओं को एक के बाद एक बंद करने का सिलसिला शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने शिंदे की आनंदाचा शिधा और तीर्थयात्रा योजनाओं को बंद करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही सरकारी खजाने पर दबाव का हवाला देते हुए लाडली बहन योजना के लाभार्थियों की संख्या कम करने के लिए सरकार द्वारा अलग-अलग तरीके अपनाए जा रहे हैं। बताया गया है कि मुख्यमंत्री वयोश्री योजना को भी बंद किया जा सकता है। आनंदाचा शिधा योजना शिंदे द्वारा विशेष रूप से शुरू की गई थी, लेकिन इसे भी बंद करने के लिए फडणवीस ने कहा है। आपदा प्रबंधन समिति से एकनाथ शिंदे को हटाए जाने के कारण न केवल शिंदे, बल्कि शिंदे गुट के विधायक भी नाराज हैं। उप मुख्यमंत्री अजीत पवार भी इस समिति में हैं, लेकिन केवल शिंदे को ही हटाए जाने पर शिंदे गुट में नाराजगी है।
एक व्यक्ति, एक पद का फॉर्मूला
महायुति में तीन-तीन पार्टियां हैं। इस वजह से तीनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं को खुश रखना मुश्किल हो गया है। फडणवीस भाजपा कार्यकर्ताओं को संभाल सकते हैं, लेकिन शिंदे गुट और अजीत पवार गुट को पद देने में भाजपा जैसा अनुशासन नहीं है। भाजपा में एक व्यक्ति, एक पद का फॉर्मूला लागू किया जाता है। अब पद कम और मांगने वाले ज्यादा हो गए हैं इसलिए पूरी महायुति पर यह फॉर्मूला लागू करने का फडणवीस का प्रयास शुरू हो गया है। एकनाथ शिंदे के पास महत्वपूर्ण नगर विकास विभाग होने के कारण उन्हें राजस्व और आपदा प्रबंधन समिति से हटाए जाने की बात कही जा रही है।

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