– आरटीआई से हुआ खुलासा
– वायरल पोस्ट से मचा हंगामा
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार सत्ता में आने के बाद से लगातार विदेश दौरों पर हैं। उनके इन दौरों पर भव्य स्वागत किया जाता है, जिसमें लोग मोदी… मोदी… के नारे लगाते हैं और प्रधानमंत्री उनसे मिलते हैं। पीएमओ कार्यालय इन मुलाकातों के वीडियो और तस्वीरें आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा भी करता है, लेकिन अब चौंकानेवाली जानकारी सामने आई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन कार्यक्रमों में इस भीड़ को जुटाने के लिए मोदी सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। पिछले साल जुलाई और अक्टूबर में प्रधानमंत्री मोदी रूस गए थे। उस दौरान सिर्फ भीड़ जुटाने के लिए दो करोड़ रुपए खर्च किए गए। आरटीआई से मिली जानकारी में २२ वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए हुए इस दौरे पर कुल १५ करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। इसमें से २ करोड़ रुपए सिर्फ भीड़ जुटाने में खर्च किए गए। यह खुलासा आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश बत्रा की जानकारी के जरिए हुआ है।
ईवेंट मैनेजमेंट का हिस्सा है मोदी का विदेश दौरा?
प्रायोजित भीड़ का हुआ खुलासा
पत्रकार डॉ. मुकेश कुमार ने भी इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर गंभीर आरोप लगाए हैं।
ईवेंट मैनेजमेंट का हिस्सा हैं मोदी के विदेश दौरे?
जब प्रधानमंत्री मोदी विदेश जाते हैं तो एयरपोर्ट और कार्यक्रम स्थलों पर विशाल भीड़ जुटती है। हाथों में बैनर और झंडे लिए लोग मोदी… मोदी… के नारे लगाते हैं। मोदी खुद लोगों से मिलते हैं, बात करते हैं, लेकिन अब खुलासा हुआ है कि यह सब प्रायोजित भीड़ होती है, जिसे सरकार के पैसे से जुटाया जाता है।
पिछले साढ़े चार वर्षों में मोदी सरकार ने ६६ हजार करोड़ रुपए सिर्फ विज्ञापनों और विदेश दौरों पर खर्च किए हैं। विदेश दौरों पर २ हजार करोड़ रुपए खर्च किए गए, जबकि सरकारी विज्ञापनों पर ४,६०७ करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। यह जानकारी विदेश राज्यमंत्री वी.के. सिंह ने खुद राज्यसभा में लिखित उत्तर में दी थी।
प्रचार पर कर रही है भारी खर्च
मोदी सरकार के विरोधी लगातार सरकारी पैसे के दुरुपयोग और इवेंट मैनेजमेंट पर खर्च को लेकर सवाल उठा रहे हैं। क्या मोदी सरकार जनता के पैसे से अपनी ब्रांडिंग कर रही है? यह सवाल अब जनता के बीच चर्चा का विषय बन चुका है।
मोदी के विदेश दौरे
-अब तक कुल विदेश दौरे – ८४
-सबसे अधिक बार दौरा किया गया देश – अमेरिका (५ बार)
-विदेश दौरों पर कुल खर्च – २,००० करोड़ रुपए
-सरकारी प्रचार-प्रसार पर खर्च – ४,६०७ करोड़ रुपए
-विशेषकर अबू धाबी दौरे पर ५ करोड़ खर्च किए गए थे।