सबको साथ मिलाए राम।
मुश्किल दूर हटाए राम।।
जीवन के हर कठिन मोड़ पर ।
नया रूप दिखलाए राम।।
जितने भी आदर्श काम थे ।
सबको ही अपनाए राम।।
जटिल समय को सरल बनाकर।
अपना काम चलाए राम ।।
वाल्मीकि की कलम पा गए।
तुलसी को अपनाए राम ।।
दीन दुखी के घर पर जाकर।
सबको गले लगाए राम।।
धन्य अयोध्या नगरी अपनी ।
उसको अमर बनाए राम।।
आज्ञाकारी परम ज्ञान थे ।
परम पिता कहलाए राम।।
धरती पर जो पाप बढ़ा था।
उसको दूर हटाए राम।।
हमको हर आदर्श बाँटकर ।
सीधी राह दिखाए राम।।
सरजू जी के पावन जल में।
अंतिम समय समाए राम ।।
उनसे अच्छा कौन यहां पर ।
बिन बोले समझाए राम।।
सबको साथ मिलाए राम ।
मुश्किल दूर हटाए राम।।
-अन्वेषी