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नए इनकम टैक्स एक्ट का फसाना …फेसबुक-ईमेल पर आयकर की नजर! …टैक्स चोरी का हुआ संदेह तो जांच कर सकते हैं अधिकारी

सामना संवाददाता / मुंबई
यह सोशल मीडिया का जमाना है और यह अधिकांश लोग जीमेल और फेसबुक का इस्तेमाल करते हैं। मगर अब सरकार का नया आयकर कानून आने के बाद आपका ईमेल और फेसबुक में सरकारी घुसपैठ संभव है।
मिली जानकारी के अनुसार, नए बिल में बड़ा बदलाव किया गया है। इसके तहत अब जांच के दौरान कर इनकम टैक्स अधिकारियों की पहुंच इन सोशल मीडिया अकाउंट तक होगी। टैक्स जांच में संदेह पाए जाने की सूरत में अधिकारी आपके फेसबुक-इंस्टाग्राम अकाउंट से लेकर ई-मेल तक खंगाल सकते हैं और इसके लिए उन्हें कानूनी तौर पर अधिकार होगा। फिलहाल जो इनकम टैक्स एक्ट १९६१ लागू है, उसके तहत टैक्स जांच के दौरान आईटी अधिकारियों को तलाशी लेने और बैंक अकाउंट जब्त करने की अनुमति है।
अगले साल से लागू होगा
अधिकारी लैपटॉप, हार्ड ड्राइव या ई-मेल की मांग कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें कानूनी प्रतिरोधों का सामना भी करना पड़ता है। १ अप्रैल २०२६ से नया कानून लागू होगा और इसके साथ ही अधिकारियों की पहुंच वर्चुअल डिजिटल स्पेस तक हो जाएगी। अगर कोई यदि कोई टैक्सपेयर जांच में सहयोग से मना करता है या फिर मांगने पर ई-मेल या सोशल मीडिया अकाउंट की डिटेल देने में आनाकानी करता है तो अधिकारी उसके अकाउंट के पासवर्ड को बायपास कर सकते हैं। सेफ्टी सेटिंग्स को ओवरराइड कर सकते हैं और फाइलों को अनलॉक कर सकते हैं। नए आईटी बिल के खंड-२४७ के अनुसार, भारत में जांच में नामित किए गए आयकर अधिकारियों को ये अधिकार कुछ खास मामलों में प्राप्त होंगे। ये नियम ऐसे करदाताओं पर लागू होगा, जिन पर टैक्स चोरी या अघोषित संपत्ति (जिस पर टैक्स भुगतान नहीं किया गया है) का संदेह होगा, उन मामलों में अधिकारियों को ईमेल, सोशल मीडिया अकाउंट्स, बैंक डिटेल्स और इन्वेस्टमेंट अकाउंट तक पहुंचने का अधिकार दिया जाएगा। कानूनी विशेषज्ञ सरकार के इस कदम से खुश नजर नहीं आ रहे हैं। नांगिया एंडरसन एलएलपी के पार्टनर विश्वास पंजियार ने चेतावनी देते हुए कहा कि पर्सनल डेटा की अनावश्यक जांच विवाद का कारण बन सकता है, अगर सरकार सख्त सुरक्षा उपाय के बिना अधिकारियों को ये पहुंच देती है।

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