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ब्लैक फ्राइडे : ३१ साल बाद भी गूंज रही है धमाकों की धमक

फिरोज खान

कहते हैं वक्त के साथ जख्म भर जाते हैं, लेकिन कुछ खूंरेज घटनाएं ऐसी होती हैं जिनका दर्द और गम कभी भुलाया नहीं जा सकता। १९९३ का मुंबई सीरियल ब्लास्ट काली स्याही से इतिहास के पन्नों में दर्ज है। ३१ साल का अरसा बीत चुका है। आतंकवादी हमले का वह मंजर बेहद दर्दनाक था। चारों ओर खून से लथपथ लाशें और लहूलुहान लोग पड़े नजर आ रहे थे। धमाकों से लोगों के चीथड़े उड़ गए थे। धमाकों की चीख माहौल में गूंज रही थी। रूह कंपा देनेवाली ये हकीकत आज भी देश के दिल और दिमाग पर छाई हुई है।
मास्टरमाइंड पकड़े से दूर
१९९३ सिलसिलेवार बम धमाकों के मास्टरमाइंड और टाइगर मेमन ३१ साल बाद भी गिरफ्तार नहीं हुए हैं। दोनों आतंकी पाकिस्तान के कराची में ऐश व आराम की जिंदगी बसर कर रहे हैं। जिन्होंने अपनों को खोया, जो अपाहिज हुए उनके दिलों में आज भी रंज है कि दोनों पकड़े क्यों नहीं गए। असल में भारत का भगोड़ा और आतंकवादी दाऊद इब्राहिम और टाइगर मेमन ने सीरियल ब्लास्ट की साजिश सऊदी अरब में रची थी। हमले को अंजाम देने के लिए दाऊद और टाइगर मेमन ने फंड इकट्ठा किया था। १९९३ के सीरियल ब्लास्ट को दाऊद इब्राहिम के इशारे पर टाइगर मेमन ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से अंजाम दिया था। पाकिस्तान में समुद्र के रास्ते हथियार भेजे थे, जिसे टाइगर ने हासिल किया था और अपने गुर्गों तक पहुंचाया था। टाइगर मेमन ही वह शख्स है, जिसने फरवरी १९९३ में अपने लोगों को हथियार चलाने बम और रॉकेट लॉन्चर चलाने के लिए पाकिस्तान भेजा था। टाइगर ने कई लोगों को सधेरी और बोरघट में ट्रेनिंग कराई। ११ मार्च, १९९३ को टाइगर ने अपने घर के पास वाहनों में आरडीएक्स लोड करवाया था, जिन्हें अलग-अलग जगह पर पार्क किया और धमाकों को अंजाम दिया। १२ मार्च, १९९३ की सुबह टाइगर फ्लाइट पकड़कर फरार हो गया और उस दिन दोपहर डेढ़ बजे बम ब्लास्ट शुरू हो गए। इसके बाद से वह आज तक पकड़ा नहीं गया।
मोदी भी फेल
दाऊद इब्राहिम को भारत लाने की कवायद कई सालों से चल रही है। मोदी ने भी वादा किया था कि सबसे पहले दाऊद को पाकिस्तान से भारत खिंचवाकर ले आएंगे। यह मोदी सरकार के एजेंडे में भी है। लोकसभा चुनाव के समय मोदी ने कहा था कि दाऊद को भारत लाने जैसे ऑपरेशन प्रेस रिलीज जारी करके नहीं किए जाते। साल २०१४ में ही मोदी ने कहा था कि अगर वो सत्ता में आए तो सबसे पहले दाऊद इब्राहिम को पकड़कर ले जाएंगे। यह भी चर्चा थी कि सर्जिकल स्ट्राइक और नोटबंदी की तरह दाऊद की गिरफ्तारी भी मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक होगा। किए गए वादे को दस साल हो चुके हैं, लेकिन अब तक मास्टरस्ट्रोक की खबर नहीं आई है।

मोदी ने भी वादा किया था कि सबसे पहले दाऊद को पाकिस्तान से भारत खिंचवाकर ले आएंगे। यह मोदी सरकार के एजेंडे में भी है। लोकसभा चुनाव के समय मोदी ने कहा था कि दाऊद को भारत लाने जैसे ऑपरेशन प्रेस रिलीज जारी करके नहीं किए जाते।

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