उमेश गुप्ता / वाराणसी
काशी में बुधवार को चतुर्थी और पंचमी एक ही दिन पड़ने के चलते शाम को निषादराज जयंती बेहद ही धूमधाम से मनाई गई। मांझी समाज के द्वारा निषादराज जयंती के अवसर पर शोभायात्रा निकाली गई। हजारों की संख्या में शोभायात्रा में शामिल मांझी समाज के लोग “जय निषादराज” का उद्घोष करते नजर आए। भगवान श्रीराम के भक्त कहे जाने वाले निषादराज की जयंती के अवसर पर वाराणसी में नावों का संचालन पूर्णता बंद रहा।निषादराज जयंती के अवसर पर निकाली गई शोभायात्रा को लेकर आयोजकों ने बताया कि चैत्र नवरात्र के पंचमी पर मांझी समाज के इष्ट निषाद राज की जयंती मनाई जाती है, जिसे लेकर वाराणसी में भव्य आयोजन किया गया है। दशाश्वमेध घाट से शोभायात्रा निकाली गई, जो गोदौलिया, सोनारपुरा होते हुए शिवाला क्षेत्र स्थित निषाद राज घाट पर समाप्त हुई। इस कार्यक्रम के आयोजन समिति के सदस्य प्रमोद मांझी ने कहा कि रामायण में भगवान श्रीराम को निषादराज गुहा के द्वारा गंगा नदी पार कराए जाने का उल्लेख है। भगवान श्रीराम से जुड़ी निषादराज गुहा की कई कहानियां भी कहीं जाती हैं। ऐसे में निषादराज की जयंती के अवसर पर वाराणसी के विभिन्न घाटों से आई मांझी समाज के लोग दशाश्वमेध घाट पर आयोजित शोभा यात्रा स्थल पर पहुंचे। ढोल-नगाड़ों की थाप के साथ ही भक्ति गीतों पर माझी समाज के लोग डांस करते हुए दिखे। शोभायात्रा में भगवान श्रीराम के साथ निषादराज गुहा की मनोरम झांकी भी निकाली गई।