मुख्यपृष्ठनमस्ते सामनामेहनतकश : सैकड़ों छात्रों का सपना पूरा करना मेरा ड्रीम है!

मेहनतकश : सैकड़ों छात्रों का सपना पूरा करना मेरा ड्रीम है!

प्रेम यादव

संघर्ष और सेवा का अद्भुत उदाहरण पेश करते हुए संजय रामनिवास कुमावत ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय पहचान बनाई है। राजस्थान के जयपुर में ११ मई १९९९ को जन्मे संजय के पिता का नाम रामनिवास मालीराम कुमावत है, जिनसे उन्होंने जीवन के मूल्यों और समाजसेवा की प्रेरणा प्राप्त की। उनके बड़े पापा रूदमल कुमावत ने भी उन्हें मार्गदर्शन और हौसला प्रदान किया। संजय कुमावत ने ‘द टाइमलाइन अकादमी’ की स्थापना शिक्षा में आई कमी को दूर करने के उद्देश्य से की। उनका लक्ष्य केवल करियर बनाना नहीं था, बल्कि समाज के लिए कुछ सार्थक करना था। जब लोगों ने उनकी सोच को सराहा, तो उन्होंने एक नहीं, बल्कि तीन शाखाओं की शुरुआत की। उनकी अकादमी की टैगलाइन- ‘अ गोल विदाउट टाइमलाइन इज जस्ट अ ड्रीम’ आज भी सैकड़ों विद्यार्थियों को प्रेरित कर रही है। अपनी मेहनत और समर्पण के बल पर संजय कुमावत को ‘नेशन यंगेस्ट टीचर’ और ‘यंगेस्ट एग्जामिनर’ का गौरवपूर्ण सम्मान प्राप्त हुआ। अपने विषय में उत्कृष्टता के साथ-साथ करियर गाइडेंस और एजुकेशन से जुड़ी समस्याओं को हल करना उनकी विशेष रुचि बन गई। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने ‘एस ३ एजुकेशन सॉल्यूशन’ की नींव रखी। एक ऐसा प्लेटफॉर्म जो तब तक सक्रिय रहेगा, जब तक शिक्षा क्षेत्र में विद्यार्थियों को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। इस सफर में उनका साथ दिया है उनके पूरे परिवार ने, विशेष रूप से उनके भाई पिंटू कुमावत (जो स्वयं एक सरकारी शिक्षक हैं) और ‘द टाइमलाइन’ के व्यावसायिक साथी प्रमिला सुरेश दैय्या ने। जीवन के उतार-चढ़ावों का सामना करते हुए भी संजय कुमावत कभी नहीं रुके। वर्तमान में वे ‘वीआईएमएस’ संस्था से भी जुड़े हुए हैं, जो विद्यार्थियों की समस्याओं के समाधान में योगदान देती है। संजय कुमावत का हर विद्यार्थी से बस यही संदेश है -‘रुकना मत, क्योंकि मैं हूं ना…’

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