सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य के वित्त एवं नियोजन विभाग का मैं मंत्री हूं इसलिए मैंने इस वर्ष ३६ जिलों की योजना बनाई है। ३६ जिलों के लिए २१ हजार करोड़ रुपए की योजना बनाई गई है। जिला नियोजन निधि के संदर्भ में मैं चाहता हूं कि सब कुछ ठीक से हो, राज्य में डीपीसी निधि को लेकर मेरा अनुभव खराब रहा है। कुछ जगहों पर गलत नियोजन किया जा रहा है। इसमें कोई गलती पाई गई तो जिला कलेक्टर को भी नहीं बख्शूंगा, उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने सीधे तौर पर जिला कलेक्टरों को जवाबदार ठहराते हुए चेतावनी दी है।
उप मुख्यमंत्री अजीत पवार फिलहाल परभणी जिले के दौरे पर हैं। कल सुबह उन्होंने परभणी के पोखरणी नरसिंह मंदिर में दर्शन कर जिले के दौरे की शुरुआत की। कल सुबह जिला कलेक्टर कार्यालय के सभागार में जिला नियोजन की बैठक हुई। अजीत पवार ने कहा कि हमने डीपीसी निधि का उचित नियोजन किया है। किस विभाग को कितनी निधि देना है, इसकी भी योजना है। दिव्यांगों के लिए भी इस बार एक प्रतिशत की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही इस वर्ष से खेलों के लिए भी एक प्रतिशत की योजना शुरू की गई है। जिले में प्रवेश करने के बाद ही पता चलता है कि एक जिला कलेक्टर के रूप में उनका जिले के प्रति कितना ध्यान है। अभिनव योजना के तहत डीपीसी में बड़ी मात्रा में खर्च किया जाता है, लेकिन इसमें अक्सर अनियमितताओं के आरोप लगते हैं। जिले में जो भी काम होगा, वह गुणवत्तापूर्ण और पारदर्शी होना चाहिए। किसी भी काम में भ्रष्टाचार नहीं होना चाहिए और अगर भ्रष्टाचार हुआ तो संबंधित विभाग के अधिकारी को जिम्मेदार माना जाएगा और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।