सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में भारी बारिश के बीच कल सुबह चर्चगेट और मरीन लाइंस के बीच एक पेड़ गिरने से विद्युत तारों में शॉर्ट सर्किट हुआ, जिससे तेज धमाका और आग लग गई। यह घटना शहर में बढ़ती आपदाओं के बीच प्रशासन की लगातार अनदेखी और लापरवाही को उजागर करती है।
बारिश से कमजोर पेड़ के गिरने और तारों से टकराने के बाद चिंगारी उठी और आग भड़क उठी। इस घटना ने न केवल लोकल ट्रेनों की सेवाएं बाधित कीं, साथ ही लोगों की सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा पैदा किया। भारी जलभराव के कारण मस्जिद स्टेशन पर ट्रेनों का संचालन ठप रहा, जिससे हजारों यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ी।
अब सवाल उठता है कि क्या प्रशासन ने बारिश और तेज हवा के मौसम में पेड़ों की नियमित जांच और विद्युत तारों की सुरक्षा का कोई ठोस इंतजाम किया था? भारी बारिश के मौसम में इस तरह की घटना सुरक्षा प्रबंधों की बड़ी असफलता है। स्थानीय रेलवे विभाग और मनपा की तैयारी एवं आपात प्रबंधन पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। लगातार पानी भरने और पेड़ गिरने की घटनाओं से पता चलता है कि मुंबई की आपदा प्रबंधन टीम समय रहते जरूरी कदम नहीं उठा रही है।
मुंबई के लिए आफत बनता रहेगा मानसून
मुंबईवासियों को हर साल मानसून में ऐसी आपदाओं का सामना करना पड़ता है, जबकि प्रशासन को सालों से पता है कि शहर में पेड़ों की कटाई, विद्युत तारों की मरम्मत और जल निकासी व्यवस्था बेहतर करने की जरूरत है। अब वक्त आ गया है कि मनपा और संबंधित विभाग अपनी जिम्मेदारियों को समझें और लोगों के जान-माल की सुरक्षा के लिए प्रभावी और समयबद्ध कदम उठाएं, नहीं तो बारिश का हर मौसम मुंबई के लिए आफत बनता रहेगा।