मुख्यपृष्ठनए समाचारमोदी के मेक इन इंडिया पर चाइनीज ‘ठप्पा'

मोदी के मेक इन इंडिया पर चाइनीज ‘ठप्पा’

– एसबीआई के प्रोजेक्ट में नियम को तोड़ चाइना से माल हुआ आयात

-कोर्ट भी हुआ अचंभित, जांच का दिया आदेश

सामना संवाददाता / मुंबई

भारत के सार्वजनिक क्षेत्र की खरीद प्रक्रिया की नींव हिलानेवाले और चौंकानेवाले मामले का खुलासा हुआ है। २७५ करोड़ रुपए के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट में बड़ा घोटाला सामने आया है, जो अब एक प्रकार से मोदी के मेक इन इंडिया के सपने को धता बता रहा है। इस डील में टेंडर नियमों की धज्जियां तो उड़ाई ही गर्इं, साथ ही राष्ट्रीय बैंकिंग सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा कर दिया है। एसबीआई के एटीएम में चाइनीज रूटर लगाए गए, जिसे कोर्ट ने भी गंभीर माना है।
दरअसल, भारतीय एडवांटेज एसबी कम्युनिकेशन कंपनी ने एसबीआई के ३,४०० से अधिक एटीएम में अपने स्वदेशी और सुरक्षित सिक्योरवैन एटीएम राउटर सफलतापूर्वक लगा रही थी। यह ‘मेक इन इंडिया’ का एक प्रेरणादायी राउटर था, लेकिन कुछ दिन बाद ही बिना किसी पूर्व सूचना के कंपनी का भुगतान रोक दिया गया और फिर कुछ समय बाद गुप्त रूप से जारी एक वर्क ऑर्डर के तहत यही प्रोजेक्ट एक अन्य प्रतिद्वंद्वी कंपनी को दे दिया गया।
इसमें चिंता की बात यह रही कि इस कंपनी ने धीरे-धीरे भारतीय तकनीक की जगह चीनी निर्मित पीसीबी, जीएसएम मॉड्यूल और ट्रांसफॉर्मर वाले राउटर लगाने शुरू कर दिए। चाइनीज राउटर का जमकर इस्तेमाल हुआ है। भारत की बैंकिंग व्यवस्था के भीतर यह एक रिस्क भरा कदम बताया जा रहा है, जबकि टेंडर में शर्त थी कि मेक इन इंडिया के तहत बने राउटर ही लगाने थे।
एडवांटेजएसबी कंपनी ने कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि जिस कंपनी को यह ठेका बाद में दिया गया है उस पर पहले भी एआई ट्रैफिक प्रोजेक्ट में धोखाधड़ी, सांठ-गांठ और अनैतिक सब-कॉन्ट्रैक्टिंग जैसे गंभीर आरोप लग चुके हैं। मुंबई हाई कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लिया है और धोखाधड़ी, बौद्धिक संपदा की चोरी, साजिश और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया है। लेकिन सवाल उठता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया के सपने को किस प्रकार से सांठ-गांठ के तहत चूना लगाया जा रहा है और इस पर चाइनीज ठप्पा लगाया जा रहा है।

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