सामना संवाददाता / मुंबई
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) छोड़कर इस साल जनवरी में शिंदे गुट में शामिल हुर्इं पूर्व महिला विभाग संगठक सुजाता शिंगाडे कल फिर घर वापसी करते हुए अपनी मूल पार्टी शिवसेना में लौट आर्इं। ‘मातोश्री’ निवास पर शिवसेनापक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे की उपस्थिति में उनकी घर वापसी हुई। उद्धव ठाकरे ने इस अवसर पर शिंगाडे का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कहा कि इस बार और अधिक जोश से काम करें।
मीडिया से बातचीत के दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि सुजाता शिंगाडे जैसी वरिष्ठ कार्यकर्ता ने शिवसेना क्यों छोड़ी, इस सवाल ने मुझे उस समय झकझोर दिया था, लेकिन पिछले तीन-चार महीनों में उन्होंने शिंदे गुट की दुर्व्यवस्था को नजदीक से देखा। वहां का विचित्र माहौल उन्हें बेचैन कर रहा था। उन्होंने फिर से शिवसेना में आने का जो साहस दिखाया है, उसकी सराहना होनी चाहिए और यह साहस सिर्फ एक शिवसैनिक में ही हो सकता है। जो लोग लोभ और स्वार्थ में शिंदे गुट में गए हैं, उनमें ऐसा साहस नहीं हो सकता। इस अवसर पर शिवसेना नेता और पार्टी सचिव विनायक राउत, शिवसेना विधायक अनिल परब, पूर्व विधायक विलास पोतनीस समेत कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।
असली शिवसेना मातोश्री में ही, शिंदे गुट में सब दिखावा
सुजाता शिंगाडे ने कहा कि जनवरी में मैंने शिंदे गुट में प्रवेश किया, लेकिन वह मेरी सबसे बड़ी गलती थी। एक मध्यस्थ एजेंट ने मुझे बहकाया। असली शिवसेना तो ‘मातोश्री’ में ही है। आज मैं अपने मायके लौट आई हूं और मुझे बेहद खुशी हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि मैं किसी लोभ या पद के लालच में शिंदे गुट में नहीं गई थी। मैंने शिवसेना के लिए ३५ वर्षों तक काम किया है। मातोश्री ने मुझे कई जिम्मेदारियां दी थीं। पार्टी छोड़ने के बाद मुझे चार महीने तक चैन की नींद नहीं आई। मैं बस यही सोचती रही कि उद्धव ठाकरे और रश्मी ठाकरे से कब मिलूंगी। शिंदे गुट की स्थिति पर उन्होंने कहा कि वहां केवल दिखावा है। इस दौरान शिंगाडे और उनके कार्यकर्ताओं ने उद्धव साहेब आगे बढ़ो, हम तुम्हारे साथ हैं जैसे नारे भी लगाए।