डॉ. बालकृष्ण मिश्र
गुरुजी, मेरे जीवन में बहुत परेशानियां हैं कब तक वह ठीक होंगे और क्या उपाय हम करें ? -सत्येंद्र तिवारी
(जन्म २६ जनवरी १९९१ रात्रि १२:०५ प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश)
सत्येंद्र जी, आपका जन्म शनिवार के दिन हुआ है रोहिणी नक्षत्र के प्रथम चरण में राशि आपकी वृषभ बन रही है वृषभ राशि का स्वामी चंद्रमा आपकी कुंडली में अष्टम स्थान पर सप्तम भाव के स्वामी के साथ में बैठ करके आपकी कुंडली को मांगलिक भी बनाया हुआ है, जिस कारण आपका वैवाहिक जीवन ठीक नहीं रहा होगा अगर वर्तमान समय के बारे में हम देख रहे हैं तो राहु की महादशा चल रही है और राहु की महादशा में मंगल का अंतर चल रहा है। यह राहु की महादशा १४ दिसंबर २०२५ तक चलेगी, जो समय आपके लिए ठीक नहीं है। समय को अनुकूल बनाने के लिए आपको ४३ दिन तक पीपल के पेड़ की परिक्रमा ५ मिनट प्रतिदिन करना चाहिए और ४३ दिन तक मछलियों को तालाब में चारा भी आपको डालना चाहिए।
गुरु जी, मेरे लड़के की राशि क्या है और इसकी कुंडली कैसी है, कृपा करके बताएं। यदि कोई उपाय है तो वह भी बताएं? -रुद्र तिवारी
(जन्म ११ अप्रैल २०२५ रात्रि ७:२८ प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश)
आपके बेटे का जन्म शुक्रवार के दिन हुआ है हस्त नक्षत्र के प्रथम चरण में। उसकी राशि कन्या बन रही है। लग्न के आधार पर अगर हम देख रहे हैं तो तुला लग्न में उसका जन्म हुआ है। तुला लग्न का स्वामी शुक्र है, वह शुक्र उच्च राशि का है लेकिन छठे भाव पर बैठा है इसलिए शीत से ज्यादा बचाव करना होगा और चंद्रमा ग्रह उसकी कुंडली में १२ में भाव पर बैठा है। इस कारण उसको चांदी का चंद्रमा जरूर पहनाना चाहिए। मंगल ग्रह आपकी कुंडली है। सप्तम भाव का स्वामी और धन भाव का स्वामी है, जो कि आपकी कुंडली में पिता के स्थान पर नीच राशि पर बैठकर के कुलदीपक नाम का योग बन रहा है। चांदी का चंद्रमा जरूर पहनाना चाहिए यदि संभव हो तो मां प्रदोष व्रत रखे तो ज्यादा बेहतर होगा और धीरे-धीरे समस्याएं दूर हो जाएंगी। जीवन को विस्तार से जानने के लिए आपको संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाना चाहिए।
गुरुजी मेरी राशि क्या है, क्या मेरी कुंडली मांगलिक है? -विजयलक्ष्मी मिश्रा
(१८ फरवरी २००० सायं काल ०६:१२ साकीनाका मुंबई)
विजयलक्ष्मी जी, आपका जन्म शुक्रवार के दिन हुआ है। श्लेषा नक्षत्र के प्रथम चरण में आपका जन्म हुआ है। आपकी राशि कर्क बन रही है। श्लेषा नक्षत्र गंड मूल संज्ञक नक्षत्र माना जाता है, जिसकी पूजा आपके जन्म के २७ वे दिन की गई होगी। लग्न के आधार पर अगर हम देख रहे हैं तो कर्क लग्न में आपका जन्म हुआ है। आपकी कुंडली मांगलिक नहीं है लेकिन लग्न में ही चंद्रमा ग्रह के साथ में राहु बैठा हुआ है और अष्टम स्थान पर सूर्य बैठा हुआ है। इस कारण जीवनसाथी के चयन करने में किसी ने किसी प्रकार की अड़चन जरूर आएगी। लग्न में राहु और सप्तम भाव पर केतु बैठने के कारण आपकी कुंडली में अनंत नाम का कालसर्प योग भी बना हुआ है। इस योग के कारण भी आप किसी न किसी प्रकार के मानसिक टेंशन में रहती होंगी। जीवन को विस्तार से जानने के लिए आपको संपूर्ण जीवन दर्पण बनवाना चाहिए।
‘जीवन दर्पण’ कॉलम के तहत यदि आप अपने बारे में कुछ जानना चाहते हैं तो अपना नाम, जन्म तारीख, जन्म समय और जन्म स्थान के साथ अपना सवाल व्हाट्सऐप नंबर ९२२२०४१००१ पर लिख भेजें।