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झारखंड में आखिर क्यों चलती है रेलवे साइडिंग पर गोलियां?

अनिल मिश्र/रांची

झारखंड प्रदेश की राजधानी रांची से करीब पचपन किलोमीटर की दूरी पर स्थित रामगढ़ जिले के भूरकुंडा रेलवे साइडिंग पर दो नकाबपोश मोटर साईकिल अपराधियों ने समाचार लिखे जाने से करीब तीस घंटा पहले दिन के उजाले में अंधाधुंध फायरिंग की घटना ने लोगों को सक्ते में डाल दिया है। वही इस घटना के कुछ घंटे ही बीतने के बाद विभिन्न आपराधिक गिरोह द्वारा इस घटना की जिम्मेदारी ली गई है। जो एक बड़ा सवाल पैदा करती है। आखिर क्या ऐसा है कि भुरकुंडा रेलवे साइडिंग पर हर आपराधिक गिरोह फायरिंग की जिम्मेदारी लेने को तैयार है।

13जुलाई 2025 अज्ञात अपराधयों ने भूरकुंडा रेलवे साइडिंग की 5 राऊंड फायरिंग वहीं 17 अप्रैल 2025 को बाइक से सवार हथियारबंद अपराधियों ने 5 राउंड की फायरिंग किया और पर्चा फेंककर भाग निकला। इसके पहले 23 जनवरी 2023 को भूरकुंडा बाजार में लिफ्टर पर अपराधियों ने गोली चलाई थी। वहीं 10 जनवरी 2023 को लिफ्टर नेपाल यादव को निशाना बनाया गया था। इस घटना में दो बाइक पर चार अपराधियों गोलीबारी कर भाग खड़े हुए। जबकि इससे भी पहले 7 दिसंबर 2022 को सेन्ट्रल सौंदा साडिंग पर अपराधियों ने फायरिंग चलते बने। वहीं 17 अक्टूबर 2020 को गोला रेलवे साइडिग में अज्ञात अपराधियों की गोलीबारी में दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे। वहीं दिसंबर 2019 में बारककाना रेलवे साइडिंग में रंगदारी वसूलने आए चार अपराधियों को गिरफ्तार पुलिस ने तीन देसी कट्‌टा, पांच जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया था। एक दिन पहले भूरकुंडा रेलवे साइडिंग पर हुई फायरिंग के कुछ घंटे ही बीते ही थे पुलिस मामले की जाँच कर ही रही थी कि अमन साव गिरोह के आजाद सरकार ने इस फायरिंग की जिम्मेदारी ले लिया और सोशल मीडिया पर जारी पोस्ट के अनुसार कोयला में चारकोल मिलावट का खेल बड़े पैमाने पर इस साइडिंग पर होता है। सोशल मीडिया के पोस्ट के अनुसार लिफ्टरो को गिरोह ने धमकी दे डाली है कि जब तक बात नहीं होती तब तक यहां कोई काम नहीं चलेगा वहीं इस मामले की जांच पुलिस कर ही रही थी की घटना के कुछ ही घंटे बाद राहुल दूबे गैंग ने घटना की जिम्मेदारी ले ली और नेपाल यादव, बबलू यादव को धमकी धमकी देते हुए कहा जब तक बात नहीं होती काम बंद रहेगा इस गिरोह ने बारककाना रेलवे साइडिंग का भी जिक्र किया और कहा वहां भी काम बंद रहना चहिए। वहीं पिछले कई वर्षों की घटनाक्रम को देखें तो कसरहा रेलवे साइडिंग पर विभिन्न गिरोह द्वारा फायरिंग की घटना को अंजाम दिया जाता रहा है वहीं भुरकुंडा, बरकाकाना,गोला, पतरातू कुज्जू में अपराधी कई फायरिंग की वारदात को अंजाम दे चुके है ।इन सभी घटनाओं को देखे तो फायरिंग किसी के जान माल की क्षति अभी तक नहीं हुई है। लेकिन वक्त वे वक्त इन रेलवे साइडिंग पर होने वाली फायरिंग डराने, धमकाने एवं पैसा उगाही के लिए किया जाता है ऐसे में सबसे बड़ा सवाल उठता है कि क्या रेलवे साइडिंग दो नंबर धंधे का मुख्य अड्डा बना हुआ है और अगर नहीं तो इन जगहों पर पैसे की उगाही के लिए गोलीबारी और धमकियां क्यों दी जा रही है। भूरकुंडा और बारककाना रेलवे साइडिंग पर राहुल दुबे गैंग यही चौथे गिरोह की इंट्री से लिफ्टरो में बेचैनी बढ़ गई है । इससे पूर्व में भी इन क्षेत्रों तीन गिरोहों का दबदबा बताया जाता है।ऐसे में चौथे गिरोह राहुल दुबे गैंग की इंट्री से इन कोयला व्यवसायियों, ठेकेदारों एवं ट्रांसपोर्टरों में बेचैनी बढ़ी हुई है।

इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक इस क्षेत्र में हर कार्यो में तीनों को रंगदारी दी जाती है। गौरतलब हो कि झारखंड में कोयला खदानों में वर्षों से कोयला माफियाओं का दबदबा रहा है।इसी दबदबा को कायम रखने के लिए इन कोयला खदान क्षेत्रों में अक्सर गोलीबारी होते रही है। देश आजादी के बाद इन कोयला खदानों के राजकीयकरण होने के बाद झारखंड के विभिन्न खदानों पर माफियाओं का बोलबाला बढ़ते गया। इन्हीं कोयला खदानों पर माफियागिरी करते -करते कुछ लोग झारखंड की राजनीति का आका बनकर सरकार बनाने और गिराने का माद्दा रखते हैं।अब आने वाला वक्त ही बताएगा कि इन माफियाओं से कोयला खदानों, रेलवे साइडिंग और लिफ्टरों को कब निजात मिलती है।

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