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विघ्नहर्ता ने हरा मूर्तिकारों का विघ्न…पीओपी पर से हटा प्रतिबंध… ३०० करोड़ के कारोबार का अनुमान!.. पेण के कारखानों में मूर्तियां बनाने में जुटे कारीगर

सामना संवाददाता / मुंबई

हाई कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा पीओपी गणेश मूर्तियों पर लगाई गई रोक हटा ली है। इससे बाप्पा की मूर्तियों की पंढरी के नाम से मशहूर पेण में निर्माताओं के लिए बाधा टल गई है और शहर व तालुका कला केंद्रों में मूर्तियां बनाने के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं। प्रतिबंध हटने से इस उद्योग का ३०० करोड़ के टर्नओवर का अनुमान है।
पेण तालुका में गणेश मूर्तियां बनाने वाली करीब १६०० फैक्ट्रियां हैं। तालुका के हमरापुर, जोहे, कलवा, तांबडशेत, बोरगांव, शिरकी, बोरी, वढाऊ, अंबेगांव समेत कई गांवों में गणेश मूर्ति की छोटी-बड़ी फैक्ट्रियां हैं।
सर्वांगीण सुंदर मूर्तियों और आकर्षक रंग संयोजन के कारण पेण तालुका की गणेश मूर्तियों की देश के विभिन्न राज्यों के साथ-साथ विदेशों में भी काफी मांग है। इस मांग को पूरा करने के लिए पेण तालुका में सालभर गणेश प्रतिमा बनाने का काम चलता है। हालांकि इस साल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पीओपी गणेश मूर्तियों पर प्रतिबंध लगा दिया, जिससे गणेश मूर्ति उद्योग पर बड़ा संकट आ गया था। पीओपी मूर्ति प्रतिबंध के दौरान, गणपति निर्माताओं ने आगे के नुकसान से बचने के लिए कम पीओपी गणेश मूर्तियां बनार्इं, जिससे उत्पादन में ५० फीसदी की गिरावट आई। हालांकि प्रतिबंध हटने के बाद निर्माताओं ने भक्तों को गणेश मूर्तियां उपलब्ध कराने के लिए कमर कस ली है। मूर्तियों का उत्पादन बड़े पैमाने पर शुरू हो गया है और इस साल भी इस उद्योग से ३०० करोड़ रुपए का कारोबार होगा। यह जानकारी गणेश मूर्तिकार संघ उत्कर्ष मंडल हमरापुर संभाग के अध्यक्ष जयेश पाटील ने दी।
२२ लाख बनाई जाती हैं पीओपी मूर्तियां
पेण तालुका में बेमौसम बारिश ने भी कहर बरपाया। हर साल करीब २० से २२ लाख पीओपी गणेश मूर्तियां बनाई जाती हैं, लेकिन इस साल प्रतिबंध के कारण अब तक केवल १५ लाख मूर्तियां ही बनाई जा सकी हैं। साथ ही शाडू मिट्टी की १५ से १८ लाख मूर्तियां बनाई गई हैं। निर्माताओं ने बताया कि बेमौसम बारिश के कारण मूर्तियों का उत्पादन भी प्रभावित हुआ है।

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