सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार की लालसा बढ़ती जा रही है। उन्हें डीसीएम से ज्यादा एक चीनी मिल का अध्यक्ष बनने में रुचि है। तभी तो मालेगांव सहकारी शुगर मिल के चुनाव में दादा ने सीधे अपना नाम आगे किया है। अजीत पवार वहां अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। उनका कहना है कि यहां इस पैâक्ट्री का अध्यक्ष मैं ही बनूंगा।
बता दें कि मालेगांव शुगर पैâक्ट्री के चुनाव को लेकर अजीत पवार गुट और राकांपा (शरद चंद्र पवार) में कड़ी प्रतिस्पर्र्धा दिख रही है। उनकी इस इच्छा को लेकर विरोधियों ने तगड़ा तंज कसा है। राकांपा (शरद चंद्र पवार) के चंद्रकांत तावरे ने सवाल किया है कि मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा छोड़कर अब शुगर पैâक्ट्री के अध्यक्ष बनने दौड़ पड़े हैं, इससे क्षेत्र में उनकी क्या प्रतिष्ठा रह गई? तावरे ने कहा अगर अजीत पवार को लोगों का भला करना ही था, तो उन्होंने छत्रपति सहकारी कारखाने के जरिए क्यों नहीं किया? जो कारखाने उनके हैं, उन्हें अच्छे दाम क्यों नहीं देते?
पैसों की जरूरत नहीं
अजीत पवार ने कहा अगर चेयरमैन मैं रहूं, तो शुगर कमिश्नर और सहकार मंत्री क्या कर लेंगे? अगर मैं चेयरमैन बना तो मजदूरों की समस्याएं सही तरीके से हल करूंगा। उन्होंने कहा कि अजीत पवार को पैसों की जरूरत नहीं, बाप-दादाओं की कृपा से सबकुछ अच्छा चल रहा है। मुझे सत्ता की भूख नहीं है।
आरोप-प्रत्यारोप का दौर
इस चुनाव प्रचार के दौरान दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। अजीत पवार के सीधे हस्तक्षेप के बाद अब यह चुनावी जंग शब्दों की जंग में तब्दील हो गई है। इस चुनाव में चार पैनल आमने-सामने हैं।