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किसान कर्जमाफी संभव नहीं… फाइनेंसियल क्राइसिस में सरकार!.. वरिष्ठ मंत्री की स्वीकारोक्ति

रामदिनेश यादव / मुंबई

राज्य में राजनीतिक लाभ के लिए महायुति सरकार तमाम खर्चीली योजनाओं को शुरू कर सरकारी खजाने को खाली कर दिया है। आज स्थिति यह है कि किसी विशेष काम के लिए भी सरकार कर्ज का इंतजार करती है। राज्य सरकार फाइनेंसियल क्राइसिस से गुजर रही है। एक वरिष्ठ मंत्री ने यह स्वीकार किया है कि सरकार वित्तीय संकट से जूझ रही है। उस मंत्री ने दबी जुबान में कहा कि लाडली बहन योजना से सरकार की तिजोरी पर सबसे अधिक बोझ बढ़ा है।
मंत्री प्रकाश आबिटकर ने कहा कि राज्य चलाते समय ‘लाडली बहन’ योजना के कारण जो आर्थिक बोझ आ रहा है, उसी वजह से किसानों को कर्जमाफी में देरी हो रही है। सरकार जो भी निर्णय लेगी, वह सभी किसानों के हित में ही होगा। प्रकाश आबिटकर ने कहा कि सरकार कर्जमाफी में जानबूझकर देरी नहीं कर रही है, हमें यह समझना चाहिए कि इस समय सरकार पर वित्तीय हालात खराब है।
उन्होंने किसानों की कर्जमाफी की मांग को लेकर अनशन कर रहे प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता बच्चू कडू एक जुझारू नेता हैं, जो किसानों के लिए संघर्ष कर रहे हैं इसलिए उनकी तबीयत भी महत्वपूर्ण है। इसीलिए उन्हें आश्वस्त कर भूख हड़ताल को खत्म कराया गया। बता दें कि छह महीने पहले राज्य में विधानसभा चुनाव हुए थे। इस चुनाव में महायुति को सबसे बड़ी सफलता मिली। इस चुनाव के समय महायुति के नेताओं ने राज्य की महिलाओं को ‘लाडली बहन योजना’ के तहत हर महीने २,१०० रुपए की आर्थिक सहायता देने का वादा किया था। साथ ही किसानों की कर्जमाफी का भी आश्वासन दिया गया था। राज्य में महायुति की सरकार बने छह महीने हो चुके हैं, लेकिन अब तक ये वादे पूरे करने में सरकार सफल नहीं हुई है। खास बात यह है कि लाडली बहन योजना से राज्य सरकार पर भारी आर्थिक बोझ पड़ा है।

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