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कुंभ मेले में लूट की तैयारी!..महायुति में होगी बंदरबांट…सीवरेज पर २६३२.९५ करोड़ होंगे खर्च

धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई

देश में कुंभ का बहुत बड़ा महत्व होता है। लोगों की इससे आस्था जुड़ी हुई होती है, लेकिन इसी आस्था पर चोट पहुंचाने का काम `ईडी’ २.० सरकार कर रही है। जनता विरोधी इस सरकार ने कुंभ मेले के नाम पर लूटपाट मचाने की तैयारी कर ली है। इसी के तहत महायुति सरकार में मंत्री और संतरी आपसी मिलीभगत से कुंभ मेले की तैयारियों के नाम पर हजारों करोड़ रुपए का खर्च दिखाएंगे। सूत्रों के मुताबिक, इसके बाद जारी होने वाले फंड में बंदरबांट करेंगे।
सोमवार को जारी किया गया एक शासनादेश कहीं न कहीं इसकी पुष्टि भी कर रहा है। इसमें सीवरेज पर २६३२.९५ करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी की गई है। इसमें से दो दिन पहले ही १४८२.९५ करोड़ रुपए के फंड को मंजूरी भी मिल गई है। हालांकि, अब विपक्ष सवाल करने लगा है कि पहले से ही खाली खजाने से जूझ रही महायुति सरकार आखिरकार कुंभ मेले के लिए हजारों करोड़ रुपए कहां से लाएगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष २०२७-२८ की अवधि में नासिक में भव्य सिंहस्थ कुंभ मेले का आयोजन किया जा रहा है। यह एक धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण आयोजन है, जिसमें देशभर से और विदेशों से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु, पर्यटक, साधु-संत और नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहते हैं। इसलिए इस आयोजन के लिए सार्वजनिक सुविधाएं, परिवहन व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाएं, स्वच्छता, जलापूर्ति, दुर्घटना प्रबंधन, आपातकालीन प्रतिसाद प्रणाली और सीमित अवधि में बढ़ने वाली जनसंख्या के लिए अस्थाई व दीर्घकालीन बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना आवश्यक है। इसके तहत बीते दिनों हुई बैठक के बाद मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया था कि सरकार ने तीर्थयात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पहले ही ४,००० करोड़ रुपए के विकास कार्यों के टेंडर जारी कर दिए हैं। इसके अतिरिक्त, २,००० करोड़ रुपए के और टेंडर जारी किए जा रहे हैं, ताकि मेले की तैयारियां समय पर पूरी हो सकें। इसी तरह अब सीवरेज पर २६३२.९५ करोड़ रुपए के खर्च की तैयारी करते हुए १४८२.९५ करोड़ रुपए के खर्च को मंजूरी मिली है। इसे लेकर अब विपक्ष कई तरह के प्रश्न पूछने लगा है।  कुंभ मेले के लिए नासिक मनपा क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के आधार पर मलनिस्सारण परियोजना के कार्यान्वयन की दिशा में आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। इस परियोजना की मंजूर निविदा की कुल लागत २६३२.९५ करोड़ रुपए है, जिसमें अगले २५ वर्षों के रख-रखाव व मरम्मत का खर्च भी शामिल है।

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