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कल्याण-डोंबिवलीवासियों का मंत्रालय पर यलगार!..२७ गांवों के लिए अलग मनपा को लेकर भूमिपुत्र आक्रामक… तीन लाख लोग निकालेंगे लॉन्ग मार्च

सामना संवाददाता / मुंबई

कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका के अंतर्गत आने वाले २७ गांवों का विकास ठप हो गया है। इससे विकास से वंचित २७ गांवों के भूमिपुत्र आक्रामक हो गए हैं। ऐसे में २७ गांवों के लिए अलग मनपा की मांग एक बार फिर जोर पकड़ रही है। इसके लिए गठित सर्वदलीय अधिकार संघर्ष समिति ने राज्य सरकार से मांग की है कि २७ गांवों के लिए अलग महानगरपालिका पर तत्काल निर्णय ले अन्यथा कल्याण-डोंबिवली के तीन लाख निवासी मंत्रालय पर लॉन्ग मार्च निकालेंगे।
बता दें कि सर्वदलीय अधिकार संघर्ष समिति ने रविवार को डोंबिवली के होराइजन हॉल में बैठक की। इस दौरान हॉल के प्रवेश द्वार पर कल्याण-डोंबिवली मनपा के खिलाफ तीव्र आक्रोश व्यक्त करने वाले कार्टून प्रदर्शित कर मनपा के भ्रष्ट प्रशासन की आलोचना की गई। इस अवसर पर सांसद सुरेश म्हात्रे ने कहा कि हम ४३ वर्षों से लड़ रहे हैं। अब यह लड़ाई निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। जहां भक्ति और शक्ति एक साथ आती है, वहां इतिहास बनता है। उन्होंने उपस्थित लोगों से एक साथ रहने की अपील की। ​​उन्होंने यह भी विश्वास व्यक्त किया कि २७ गांवों के लिए स्वतंत्र मनपा का मुद्दा एक साल के भीतर हल हो जाएगा। सभा में सभी दलों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ थी।
शिंदे गुट के विधायक नामधारी
मनसे के कल्याण ग्रामीण के पूर्व विधायक राजू पाटील ने आरोप लगाया कि भाजपा और शिंदे गुट के कारण २७ गांवों का विकास रुका हुआ है। कल्याण ग्रामीण के मौजूदा विधायक कुछ नहीं कर रहे हैं, क्योंकि उनके हाथ में कुछ नहीं है। उन्होंने शिंदे गुट के विधायक राजेश मोरे को केवल नामधारी बताते हुए कटाक्ष किया।

केडीएमसी ने विकास के मामले में २७ गांवों के साथ अन्याय किया है इसलिए वे अब केडीएमसी में नहीं रहना चाहते हैं। सिर्फ बैठकों में बात करने से कुछ नहीं होगा। हमें लाखों की संख्या में लॉन्ग मार्च निकालकर मंत्रालय जाना होगा।
– दीपेश म्हात्रे, शिवसेना
(उद्धव बालासाहेब ठाकरे) जिलाप्रमुख

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