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मुंबई में आचार्य बालशास्त्री जांभेकर का भव्य स्मारक बनाया जाए … योगेश वसंत त्रिवेदी एवं रवीन्द्र बेडकीहाल ने की मांग

सामना संवाददाता / मुंबई
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक और महाराष्ट्र पत्रकार कल्याण कोष के संस्थापक योगेश वसंत त्रिवेदी ने महाराष्ट्र सरकार और मुंबई मनपा से मराठी पत्रकारिता के जनक आचार्य बालशास्त्री जांभेकर के लिए एक भव्य व दिव्य स्मारक बनाने का आग्रह किया है। तो वहीं महाराष्ट्र पत्रकार कल्याण कोष के संस्थापक रवीन्द्र बेडकीहाल ने पत्रकार दिवस के अवसर पर राज्य के मीडिया संगठनों, समाचार पत्र संपादकों, पत्रकारों, पाठकों से मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मांग का समर्थन करने की अपील की है।

योगेश वसंत त्रिवेदी यहां पत्रकार दिवस के अवसर पर मंत्रालय एवं विधानमंडल वार्ताहर संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पूर्व गृह मंत्री, मैन ऑफ आयरन सरदार वल्लभभाई पटेल का भव्य दिव्य स्मारक (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) चार साल में पूरा करके दिखाया है। ऐसे ही यहां भी जांभेकर का भव्य स्मारक बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आचार्य बालशास्त्री जांभेकर के पोंभुरले और बाबूराव पराडकर का कोंकण में निर्माण किया जाना चाहिए। इसके अलावा मुंबई में आचार्य बालशास्त्री जांभेकर का एक भव्य दिव्य स्मारक बनाया जाना चाहिए। योगेश वसंत त्रिवेदी ने कहा कि यह स्मारक नये पत्रकारों को प्रेरणा देता रहेगा।

उन्होंने कहा कि आचार्य बालशास्त्री जाम्भेकर ने ‘दर्पण’ और ‘दिग्दर्शन’ पत्रिकाए शुरू करके मराठी पत्रकारिता में ऐतिहासिक योगदान दिया। यह उनके काम की एकमात्र विशेषता नहीं है, वह एक छात्र, उप सचिव, सचिव, तत्कालीन बॉम्बे एजुकेशन सोसाइटी के शिक्षक, एलफिंस्टन कॉलेज में पहले भारतीय प्रोफेसर, कोलाबा वेधशाला के पहले मराठी निदेशक, शिक्षक प्रशिक्षक शिक्षक विद्यालय के संस्थापक निदेशक थे। वे मराठी और अंग्रेजी सहित 14 भाषाओं में पारंगत, 17 विभिन्न पुस्तकों के लेखक और संपादक, बॉम्बे में गरीब छात्रों के लिए पहले छात्रावास के संस्थापक, पहली मराठी लाइब्रेरी के संस्थापक थे। वे पहले बॉम्बे ज्योग्राफिकल सोसाइटी के भारतीय ट्रस्टी, मराठी में पहले पुस्तक समीक्षक, पहले मराठी निबंधकार, पहले हिंदू धार्मिक व्यवसायी और शुद्धिकरण आंदोलन के मुख्य सामाजिक प्रबोधक, मौलिक पुस्तक ‘ज्ञानेश्वरी’ (1845) के लेखक, पहले मुद्रक, प्रकाशक, बॉम्बे नेटिव इम्प्रूवमेंट सोसाइटी के संस्थापक (भारतीय युवाओं के लिए सेमिनार मंच), आधुनिक महाराष्ट्र के पहले समाज सुधारक थे। उन्होंने मुंबई से ऐतिहासिक योगदान दिया है।

उन्होंने उस समय की कठिन परिस्थितियों में भी मुंबई में समाज सुधार के सभी क्षेत्रों में पहला कदम उठाया और ब्रिटिश साम्राज्य में भी भारत और मुंबई की प्रतिष्ठा बढ़ाई। अत: आचार्य बालशास्त्री जाम्भेकर के ऐतिहासिक योगदान को ध्यान में रखते हुए मुंबई में राष्ट्रीय स्तर का एक भव्य स्मारक बनाया जाना चाहिए। इस मौके पर मधु कांबले, दिलीप सपाटे, राजेंद्र थोरात, विलास मुकादम, प्रवीण पुरो, महेश पवार, खंडूराज गायकवाड, चंदन शिरवले, दिलीप जाधव, सरफराज आरजू, संजीव शुक्ला, किरण नाइक, दीपक कैतके, दीपक भातुसे आदि उपस्थित थे।

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