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निर्जला एकादशी पर काशी में निकली विराट कलश यात्रा…सिंधु,चिनाब,रीवा, मानसरोवर और गंगा के जल से बाबा विश्वनाथ का हुआ अभिषेक

उमेश गुप्ता / वाराणसी

ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर मनाई जाने वाली निर्जला एकादशी के पावन अवसर पर शुक्रवार को काशी में भक्ति, आस्था और सांस्कृतिक एकता का अद्भुत दृश्य देखने को मिला। गंगा घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। हजारों लोगों ने गंगा में स्नान कर दान-पुण्य किया और भगवान विष्णु की आराधना में लीन नजर आए। सुप्रभातम व श्री काशी मोक्षदायिनी सेवा समिति के तत्वाधान में श्री काशी विश्वनाथ वार्षिक कलश यात्रा निकाली गई।
इस बार का आयोजन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को समर्पित किया गया, जिसके तहत सिंधु, चिनाब, रीवा, मानसरोवर और गंगा जैसे पवित्र जल स्रोतों से लाए गए जल से बाबा विश्वनाथ का महाअभिषेक किया गया। इस अनूठे आयोजन ने पूरे विश्वनाथ धाम को भक्तिमय कर दिया।
कार्यक्रम संयोजक निधि देव अग्रवाल पवन चौधरी दिलीप सिंह के नेतृत्व में कलश यात्रा डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद घाट से आरंभ हुई सभी सनातनी पारंपरिक परिधानों में जलाभिषेक यात्रा में सम्मिलित होकर वर्षों पुरानी परंपरा का विधिवत निर्वाह किया श्री काशी विश्वनाथ वार्षिक कलश यात्रा के उप संस्करण में भक्तों का उत्साह देखते ही बनता रहा कलश यात्रा अपने चीर परचित अंदाज के साथ निकाली यात्रा में सबसे आगे साउंड सिस्टम पर शिव भजन मुखर था रथ पर संस्था के संस्थापक स्वर्गीय राज किशोर गुप्ता बचानू साव एवं पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय जगदंबा तुलस्यान के तेल चित्र था। मणी जी कांची कामकोटि परमार्थ जी का रथ। उसके पीछे नंदी पर विराजमान भगवान शिव और माता पार्वती की छवि धारण किए कलाकारों की प्रस्तुति विशेष उत्साह भर रही थी। डमरू की गर्जना के साथ भक्तों का हर हर महादेव उद्घोष से संपूर्ण परिवेश शिव भक्ति से पूरी तरहा महिलाएं-पुरुष माथे पर कलश दिए हुए थे। शोभा यात्रा में पी ए सी बैंड आकर्षण का केंद्र था। शहनाई की मंगल ध्वनि के बीच भक्तों का जत्था दशाश्वमेध गोदौलिया हौज कटोरा बांस फाटक होते हुए ज्ञानवापी स्थित गेट नंबर 4 से विश्वनाथ धाम में प्रवेश किया यात्रा से पूर्व राजेंद्र प्रसाद घाट पर कलश पूजन पंडित अमरकांत के आचार्यत्व में 5 ब्राह्मणों ने कराया। इसके यजमान समाजसेवी अनूप पोद्दार सपत्नीक अमिता पोद्दार, शहर दक्षिणी विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी निधि देव अग्रवाल टीले महाराज नासिक रहे। रजत की 11 कलश में विभिन्न पवित्र नदियों त्रिवेणी सिंधु झेलम चिनाव रावी व्यास के अलावा काशी हरिद्वार ऋषिकेश के गंगाजल से पूरित कलश में दूध बेलपत्र माला के साथ ही 1008 कलश का पूजन किया। इससे पहले संस्था के लोगों ने मां गंगा की आरती उतारी आयोजक संस्था श्री काशी मोक्षदायिनी सेवा समिति के कार्यकर्ताओं ने व्यवस्था संभाली, जिसके बाद लोगों ने कतार में लगकर कलश प्राप्त किया। शोभायात्रा का आकर्षण यात्रा में बाबा बर्फानी की झांकी भी रही।
जगह-जगह सजे कैंप
यात्रा मार्ग में जगह-जगह अनेक संस्थाओं की ओर से शिव भक्तों की सेवा के लिए कैंप लगाए गए कहीं आम का अमरस तो कहीं नींबू का शरबत शीतल जल बांटा गया कैंप में मारवाड़ी समाज, श्री श्याम मंडल, बालसखा श्री बाल श्याम मंडल महेश्वरी समाज मंडल, खत्री हितकारिणी सभा केसरवानी वैस्य समाज समिति सामाजिक संस्था भावना मुख्य अतिथि शहर दक्षिणी के विधायक पूर्व मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी, जिन्होंने भक्तों को कलश देकर यात्रा का शुभारंभ किया। संयोजन में न्यासी केशव जालान उमाशंकर अग्रवाल कार्यक्रम संयोजक निधि देव अग्रवाल, पवन चौधरी दिलीप सिंह सुरेश तुलस्यान, हेमदेव अग्रवाल, पवन कुमार अग्रवाल, मनोज जाजोदिया, गोकुल शर्मा, कौशल शर्मा, पवन शुक्ला, मुकुल टंडन, महेश चौधरी, केशव अग्रवाल, महेश महेश्वरी आदि लोग उपस्थित थे।

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