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आदित्य ठाकरे ने लिखा राज्यपाल को खत … मनपा आयुक्त को निलंबित करो … गोखले पुल पुनर्निर्माण में हुई घटना की जांच की मांग

सामना संवाददाता / मुंबई
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने राज्य के राज्यपाल रमेश बैस को पत्र लिखकर मुंबई मनपा की आयुक्त इकबाल सिंह चहल के निलंबन की मांग की है। इसके साथ ही इस पत्र में उन्होंने गोखले पुल के पुनर्निर्माण में हुई शर्मनाक घटना की भी जांच करने की बात कही है।
राज्यपाल को लिखे अपने पत्र के माध्यम से शिवसेना नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने कहा है कि मुंबई मनपा और रेलवे द्वारा गोखले ब्रिज का पुनर्निर्माण देश के लिए शर्मिंदगी की बात बन गई है। इन तंत्रों की इस नाकामी की खबर पूरी दुनिया में पैâल गई है। फिर भी दोनों तंत्र दोषारोपण के खेल में मग्न हैं। उन्होंने कहा है कि इस परियोजना का मुख्य दायित्व मनपा आयुक्त चहल के कंधों पर था। इनके साथ ही रेलवे के समकक्ष अधिकारियों के निलंबन के आदेश जारी करें, ताकि वे इस परियोजना में हस्तक्षेप करके किसी तरह की गड़बड़ी को अंजाम न दे सकें। आदित्य ठाकरे ने कहा है कि इससे करदाताओं के करोड़ों रुपए बेशर्मी से उड़ाने के लिए उनकी निष्पक्षता से जांच की जा सकेगी। उन्होंने कहा है कि मैंने माननीय राज्यपाल रमेश बैस से पत्र के माध्यम से निष्पक्ष जांच कराने का अनुरोध किया है।

तबादला टाल रहे असंवैधानिक मुख्यमंत्री
मुंबई मनपा आयुक्त का तबादला लंबे समय से रुका हुआ है और चुनाव आयोग के आदेश के बावजूद असंवैधानिक मुख्यमंत्री आयुक्त का तबादला टाल रहे हैं। गोखले पुल राजनेता-अधिकारी-ठेकेदार की मिलीभगत का ज्वलंत उदाहरण है, जहां स्थानीय विधायक समेत अधिकारियों ने कई बार पुल का दौरा किया। क्या उन्हें इन दौरों में गलतियां नजर नहीं आर्इं? अथवा यह खामी जानबूझकर पैदा की गई है ताकि एक बार फिर पुल को तोड़कर दोबारा बनाया जा सके? इस पर सवाल उठाते हुए आदित्य ठाकरे ने राज्यपाल से मांग की कि इस मामले में निष्पक्ष जांच की उम्मीद है। इसलिए जांच का सामना करने के लिए आयुक्त और रेलवे के संबंधित मुख्य अधिकारियों को तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए।

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