सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में मिलावट का बाजार गर्म है। बाजार में मिलने वाली हर खाद्य वस्तु में कहीं न कहीं मिलावट का अंश है। यह बात राज्य के जलसंसाधन मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील ने स्वीकार करते हुए बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि हम जो भी खा रहे हैं वह पूरी तरह शुद्ध नहीं है। उदाहरण के लिए जो बाजार में पनीर मिल रहा है, वह असली नहीं है। नासिक में स्वामी समर्थ केंद्र के माध्यम से आयोजित किए गए कृषि महोत्सव के समापन कार्यक्रम में वे बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि अगले डेढ़ साल में दुग्ध उत्पादन सबसे बड़ी चुनौती बनने वाला है। अमूल ग्रुप महाराष्ट्र से रोजाना ३५-४० लाख लीटर दूध खरीदता है। कुछ लोग मांग कर रहे हैं कि गुजरात का दूध बंद किया जाए। हालांकि, उन्होंने बताया कि अमूल का समूह महाराष्ट्र के किसानों से दूध खरीदता है, अन्यथा किसान बेचारे दूध की कीमत नहीं पाते। इस दौरान राधाकृष्ण विखे पाटील ने एक चौंकाने वाला दावा किया। उन्होंने कहा कि होटलों में मिलने वाला पनीर दूध से नहीं, बल्कि वेजिटेबल ऑइल से बनाया जाता है। उनके इस बयान ने पनीर की शुद्धता पर सवाल खड़ा कर दिया है।
६० प्रतिशत नहरों में लीकेज
इस दौरान राधाकृष्ण विखे पाटील ने पानी की समस्या पर जोर देते हुए कहा कि राज्य में ६० प्रतिशत नहरें लीक हो रही हैं, जिसके कारण आखिरी छोर तक पानी नहीं पहुंच पाता। उन्होंने कहा कि नासिक नगर निगम को यह देखना चाहिए कि कितना पानी बर्बाद हो रहा है, कितना उपयोग हो रहा है और कितना पानी पुन: उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ६५ टीएमसी पानी पश्चिम की ओर बह जाता है, जिसे रोकने के लिए ५० से ६० हजार करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट तैयार किया गया है।
राधाकृष्ण विखे पाटील ने कहा कि जब वे कृषि मंत्री थे, तब पहला कृषि महोत्सव शुरू हुआ था। इस महोत्सव की शुरुआत करने का सौभाग्य उन्हें मिला और वे लगातार १४ वर्षों से इसे जारी रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि ग्लोबल वॉर्मिंग और बदलते मौसम का असर खेती पर हो रहा है इसलिए किसानों के लिए १ रुपया में फसल बीमा योजना शुरू की गई है। वह कितनी सफल है, यह कहना मुश्किल है।