मुख्यपृष्ठनए समाचारआंगनवाड़ी सेविकाओं ने मुख्यमंत्री को लौटाया! ... ‘घाती’ मुख्यमंत्री बातचीत करने पहुंचे थे...

आंगनवाड़ी सेविकाओं ने मुख्यमंत्री को लौटाया! … ‘घाती’ मुख्यमंत्री बातचीत करने पहुंचे थे आजाद मैदान

नहीं बनी बात, तो लौटना पड़ा उल्टे पैर
अब आक्रामक तरीके से हड़ताल करेंगी आंगनवाड़ी सेविकाएं
सामना संवाददाता / मुंबई
राज्यभर की आंगनवाड़ी सेविकाएं अपनी लंबित मांग को लेकर मुंबई के आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। बुधवार को सावित्रीबाई फुले जयंती के मौके पर आंगनवाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं ने आजाद मैदान में हड़ताल शुरू कर दी, वहीं बुधवार को ‘घाती’ सरकार के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आजाद मैदान गए और प्रदर्शन कर रहे आंगनवाड़ी सेविकाओं से मुलाकात कर हड़ताल वापस लेने के लिए बातचीत की। हालांकि, मुख्यमंत्री के साथ बातचीत बेनतीजा रही और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने मांगें माने जाने तक हड़ताल जारी रखने का पैâसला किया है। ऐसे में मुख्यमंत्री को उल्टे पैर वापस लौटना पड़ा। दूसरी तरफ गुरुवार को आंगनवाड़ी सेविकाओं की तरफ से बताया गया कि अब यह आंदोलन और जोरदार तरीके से शुरू होगा।
विभिन्न लंबित मांगों को लेकर आंगनवाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं ने बुधवार को सावित्रीबाई फुले जयंती के अवसर पर मुंबई के आजाद मैदान में विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इस बीच ‘घाती’ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हड़ताली आंगनवाड़ी सेविकाओं के एक प्रतिनिधिमंडल से उनके विभिन्न मुद्दों को जानने और आंदोलन का समाधान खोजने के लिए मुलाकात की। बुधवार रात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और आंगनवाड़ी सेविकाओं के बीच चर्चा हुई, लेकिन आंगनवाड़ी सेविकाओं का आरोप है कि मुख्यमंत्री के साथ चर्चा में कोई अच्छा कदम नहीं उठाया गया। साथ ही मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद भी आंगनवाड़ी सेविकाएं आंदोलन पर अड़ी हुई हैं और कल दूसरे दिन भी आंदोलन जारी रखा। आंगनवाड़ी सेविकाओं का कहना है कि जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा और आंदोलन जारी रहेगा।

ये हैं मांगें
सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार प्रदेश सरकार सरकारी कर्मचारी घोषित करें। वेतनमान, ग्रेच्युटी, भविष्य निधि और अन्य लाभ दिए जाएं। २६ हजार रुपए प्रतिमाह वेतन दिया जाए। सेविकाओं को २० हजार रुपए का भुगतान करें। महंगाई दोगुनी हो गई है, इसलिए हर छह माह में वेतन बढ़ना चाहिए। सम्मेलन में सेवा उपरांत पेंशन के प्रस्ताव को मंजूरी मिले। मनपा सीमा के अंतर्गत आंगनवाड़ी के लिए ५,००० से ८,००० किराया स्वीकृत किया जाए। भोजन की दर बच्चों के लिए १६ रुपए और कुपोषित बच्चों के लिए २४ रुपए होनी चाहिए।

अन्य समाचार