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बरार हुआ फरार!..बाबा हत्याकांड के तार कनाडा से जुड़े!

-मास्टरमाइंड जीशान अख्तर को सरे पुलिस ने किया डिटेन

-गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई भी हो गया अंडरग्राउंड

सामना संवाददाता / मुंबई

एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड का कान्ट्रैक्ट किलर और मास्टरमाइंड जीशान अख्तर कनाडा में डिटेन किया गया है। यह खबर मिलते ही लॉरेंस बिश्नोई का भाई अनमोल बिश्नोई अंडरग्राउंड हो गया है। गोल्डी बरार के भी फरार होने की खबर है। अनमोल और गोल्डी ने कनाडा में क्राइम जगत का अड्डा बना रखा था। दोनों वहीं हफ्ता वसूली और हत्या की सुपारी लेने का काम करते थे। बाबा सिद्दीकी के मर्डर का प्लान बनाने वाले जीशान ने भारत से भागकर कनाडा में अनमोल और गोल्डी के यहां शरण ली थी।
मुंबई पुलिस ने किया कनाडा पुलिस से संपर्क
जीशान के कनाडा पुलिस के हाथ लगते ही बिश्नोई गैंग के गुर्गों में भगदड़ मच गई है। खबर मिलते ही मुंबई पुलिस ने फौरन वहां की पुलिस से संपर्क कर जीशान की भारत में आपराधिक गतिविधियों की जानकारी साझा कर बताया है कि वह भारत का भगोड़ा है।
जीशान को भारत लाने के लिए मुंबई पुलिस एक्टिव!
बाबा सिद्धीकी की हत्या के मास्टरमाइंड जीशान अख्तर को कनाडा में गिरफ्तार किया गया है। अभी इस बात का खुलासा नहीं हुआ है कि कनाडा पुलिस ने जीशान को किस आरोप में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी की खबर आने के बाद मुंबई पुलिस जीशान को भारत लाने के लिए एक्टिव हो गई है।
बता दें कि बाबा सिद्दीकी की १२ अक्टूबर साल २०२४ में उनके बांद्रा कार्यालय के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जीशान अख्तर को बाबा सिद्दीकी की कॉन्ट्रैक्ट किलिंग का मास्टरमाइंड माना जाता है। मुंबई पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट में बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में जीशान अख्तर को मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है। हालांकि, अब उसको कनाडा पुलिस ने हिरासत में लिया है। जीशान के अलावा अनमोल बिश्नोई को भी मुंबई पुलिस ने बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में फरार बताया है। गोल्डी बरार पर भी पंजाब में हत्या और मुंबई में एक यूट्यूबर को धमका कर एक करोड़ रुपए का हफ्ता मांगने का आरोप है। मुंबई पुलिस सूत्रों के मुताबिक, हो सकता है जीशान को भारत लाने में सफलता मिल सकती है।
बताया जाता है कि जीशान का संबंध पाकिस्तानी डॉन शहजाद भट्टी और जेल में बैठे कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ भी है।
भट्टी ने की थी भागने में मदद
बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई ने ली थी। बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद उसके विदेश भागने में भी पाकिस्तानी डॉन शहजाद भट्टी ने मदद की थी। बताया जाता है कि उसका संबंध पाकिस्तानी डॉन शहजाद भट्टी और जेल में बैठे कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के साथ भी था।
१९८७ में हुई थी संधि
बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी लॉरेंस बिश्नोई ले ली थी। जीशान के प्रत्यर्पण को लेकर मुंबई पुलिस के एक अधिकारी से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि भारत और कनाडा के बीच प्रत्यर्पण संधि है। १९८७ में दोनों देशों ने प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए थे।
छह भगोड़ों का प्रत्यर्पण
हालांकि, २००२ से २०२० तक भारत द्वारा केवल छह भगोड़ों को देश में वापस लाया गया है। उनके मुताबिक, प्रत्यर्पण संधि एक ऐसी कानूनी व्यवस्था है, जिसके तहत एक देश दूसरे देश को किसी व्यक्ति को अपराध के आरोप या सजा के लिए सौंपता है।

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