मुख्यपृष्ठस्तंभराजस्थान का रण : भाटी के लिए सुरक्षा की उठी मांग

राजस्थान का रण : भाटी के लिए सुरक्षा की उठी मांग

गजेंद्र भंडारी

शिव के विधायक व बाड़मेर संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी को मिल रही धमकियों को देखते हुए मारवाड़ राजपूत सभा भवन ने रोष जताया। मारवाड़ राजपूत सभा के अध्यक्ष हनुमान सिंह खांगटा ने बैठक में कहा कि भाटी को मिल रही धमकियों को देखते हुए मंगलवार को रैली निकाली जाएगी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम ज्ञापन सौंपकर शीघ्र जेड प्लस सुरक्षा प्रदान करने की मांग रखी जाएगी। बैठक में पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. नारायण सिंह माणकलाव, महासचिव केवी सिंह चांदरख, महाराजा गजसिंह शिक्षण संस्थान ओसियां के अध्यक्ष गोपाल सिंह भलासरिया, पूर्व भाजपा अध्यक्ष मोहन सिंह भाटी ने विचार रखे। पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. नारायण सिंह माणकलाव ने कहा कि रविंद्र सिंह भाटी जनप्रतिनिधि हैं। पिछले दिनों से उनको जो धमकी मिल रही है, राज्य सरकार को तुरंत ही उन्हें जेड प्लस सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए। चुनाव में भाटी बड़े नेता के तौर पर सामने आए हैं। निर्दलीय होते हुए भी उनकी लोकप्रियता किसी राष्ट्रीय पार्टी के नेता से कम नहीं है। कहा जा रहा है कि उनका जीतना लगभग तय है।
अब बाहर की भागदौड़ हुई शुरू
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पश्चिम बंगाल का दौरा करने वाले हैं। भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में वे कोलकाता में एक रोड शो में शामिल होंगे। प्रवासी राजस्थानियों और स्थानीय उद्योगपतियों से भी संवाद करेंगे। राजस्थान में दोनों चरणों के चुनाव हो चुके हैं इसलिए अब नेता दूसरे राज्यों में जाकर अपनी-अपनी पार्टी के लिए प्रचार कर रहे हैं। इससे पहले खबर आई थी कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट भी दूसरे राज्यों के लिए रवाना हो चुके हैं और कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। ममता बनर्जी का गढ़ कहा जाने वाला पश्चिम बंगाल इन दिनों भाजपा के लिए अहम माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह तक यहां सभाएं कर चुके हैं। इसके अलावा दूसरे राज्यों के नेता भी लगातार रैलियां कर जनता से वोट मांग रहे हैं।
नेता पर सरकार की मेहरबानी
राजधानी के चर्चित एकल पट्टा प्रकरण में भजनलाल सरकार ने कोटा में मतदान से ४ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में जवाब पेश कर नगरीय विकास मंत्री रहे शांति धारीवाल और तीन तत्कालीन अधिकारियों को क्लीन चिट दी। राज्य सरकार के जवाब में कहा गया है कि एकल पट्टा प्रकरण में कोई मामला नहीं बनता। तथ्यों के अनुसार, ३ दिसंबर २०१४ को तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार के समय एकल पट्टा प्रकरण में एसीबी ने मामला दर्ज किया था। एसीबी ने तत्कालीन आईएएस अधिकारी जीएस संधू, तत्कालीन आरएएस अधिकारी निष्काम दिवाकर, तत्कालीन जोन उपायुक्त ओंकारमल सैनी, लाभार्थी शैलेंद्र गर्ग व दो अन्य को गिरफ्तार भी किया। धारीवाल व तत्कालीन अधिकारियों को हाई कोर्ट से राहत मिल गई, जिसके खिलाफ यह विशेष अनुमति याचिका दायर की गई। इस पर राज्य सरकार की ओर से २२ अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में पेश जवाब में कहा गया कि एकल पट्टा प्रकरण में नियमों का पूरी तरह से पालन किया गया और इसमें राज्य को कोई वित्तीय हानि भी नहीं हुई।

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