मुख्यपृष्ठनए समाचारबीजेपी विधायक ने अपनी ही सरकार को घेरा

बीजेपी विधायक ने अपनी ही सरकार को घेरा

रमेश सर्राफ धमोरा / जयपुर

भाजपा विधायक कालीचरण सर्राफ ने राजस्थान विधानसभा में एक बार फिर अपनी ही सरकार को घेरा। एसीबी के मामलों में केस चलाने की मंजूरी देने से जुड़े सवाल के जवाब पर तंज कसा। सर्राफ ने कहा कि मैंने पूछा क्या था और जवाब क्या दिया है। सवाल ही बदल दिया। इस पर मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि हमने सवाल का पिन पॉइंट जवाब दिया है। 1 जनवरी 2021 से 2022 तक एसीबी में 1592 केस दर्ज हुए, उनमें से 1189 में केस चलाने की मंजूरी दे दी, जबकि 403 पेंडिंग हैं।
सर्राफ ने पूरक सवाल में कहा कि सतर्कता आयुक्त ने तीन महीने में एसीबी के मामलों में केस चलाने की मंजूरी देने का प्रावधान है, फिर भी भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी नहीं दी जा रही। अफसर आपस में मिल जाते हैं। सर्राफ ने कहा कि मोदी जी का कहना है कि न खाऊंगा और न खाने दूंगा। भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस के आधार पर सरकार चल रही है तो मैं यह पूछना चाहता हूं कि जितने केस पेंडिंग हैं, उनके बारे में एक कैबिनेट सब कमेटी को बनाने पर विचार करना चाहिए।
इससे पहले गहलोत राज के जिले खत्म करने के मुद्दे पर कांग्रेस ने शून्यकाल के दौरान जमकर हंगामा किया। कांग्रेस विधायक सुरेश मोदी और रामकेश मीणा के मामला उठाने के बाद कानून और संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल के जवाब पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सवाल उठाए। कांग्रेस विधायकों ने वैल में आकर हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ता देख स्पीकर ने 12 बजकर 36 मिनट पर सदन की कार्यवाही को 2 बजे तक स्थगित कर दिया। कांग्रेस विधायक सुरेश मोदी और रामकेश मीणा ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए मामला उठाते हुए नीमकाथाना और गंगापुर सिटी जिलों को खत्म करने पर सवाल उठाए।
सुरेश मोदी ने कहा कि पिक एंड चूज की नीति के आधार पर जिले खत्म किए गए। जिलों के रिव्यू के लिए बनी पंवार कमेटी ने सब जिलों का दौरा किया, लेकिन वह कमेटी नीमकाथाना नहीं आई। वे पूर्वाग्रह से ग्रसित थे। सरकार से उसके आदेश थे। कोई मापदंड अपनाने की जगह राजनीतिक आधार पर जिले खत्म किए गए। इससे पहले विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान मंत्रियों के लिखित जवाब पढ़ने की जगह केवल पूरक सवाल के जवाब देने की व्यवस्था पर भी हंगामा हो गया। अध्यक्ष के फैसले पर खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने ही सवाल उठा दिया तो नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आपत्ति करते हुए कहा कि मंत्री ही अध्यक्ष की व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। इस पर गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ। स्पीकर ने भी मंत्रियों पर नाराजगी जताई।
राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर ने कहा कि हम जब छोटे थे तो सुनते थे कि राजस्थान में बीजेपी को सींचने वाले लोगों में किरोड़ी लाल मीणा, वसुंधरा राजे, देवी सिंह भाटी जैसे लोग हैं। ये भारतीय जनता पार्टी को सींचने वाले लोग हैं। आज ये ही खिलाफ क्यों हैं, इसका जवाब तो दीजिए। भाकर ने कहा कि मुख्यमंत्री के नजदीकी मंत्री बैठे हैं। सीएम से लगाव रखने वालों से कहना चाहता हूं कि ग्राउंड पर जाकर देखो तो लोग आपके बारे में क्या सोच रहे हैं? जब सरकार बनी, तब पेपर लीक, ईआरसीपी को लेकर कई वादे किए गए। इन्होंने कहा कि हम पेपर लीक में मगरमच्छ पकड़कर युवाओं को न्याय देंगे, जो लोग मगरमच्छ पकड़ने की बात कर रहे थे। उन्होंने छोटी मछलियां पकड़ीं, वो भी जाल से बाहर निकल गईं। थानेदार भर्ती परीक्षा रद्द करने को लेकर कभी कोई बयान आ रहा है, तो कभी कोई और।

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