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दो चरणों के चुनाव में बैकफुट पर भाजपा… ‘अबकी बार राम नाम सत्य है’!… संजय राऊत का जोरदार हमला

सामना संवाददाता / मुंबई

लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण के मतदान में भाजपा बैकफूट पर है, लेकिन ‘अबकी बार राम नाम सत्य है।’ अयोध्या में पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा और अब खुद मोदी गए हैं। द्वारका, मथुरा और अयोध्या में मंदिर-मंदिर घूम रहे हैं। लेकिन विकास पर एक शब्द भी नहीं बोल रहे हैं। काम की बात नहीं करेंगे। बेरोजगारी पर नहीं बोलेंगे। पुलवामा में क्या हुआ था, उस पर भी नहीं बोलेंगे। इतना ही नहीं शनिवार को दिनदहाड़े पुंछ में जवानों पर हमला हुआ और इस हमले में जवान शहीद हो गए, इस पर भी वे नहीं बोलेंगे। वे केवल राम के नाम पर वोट मांगेंगे, लेकिन जनता ने अब खुलकर मूड बना लिया है कि अब उनकी मदद नहीं करनी है। इस तरह का हमला शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने किया।
मीडिया से बात करते हुए शिवसेना नेता व सांसद संजय राऊत ने कहा कि महाराष्ट्र को तबाह और नष्ट करनेवाली परियोजनाएं हमारे सिर पर मढ़ रहे हैं। इसे लेकर हमारे विरोध करने पर वे कोकण में जाकर हमारी ही आलोचना करते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या मोदी-शाह के ये नए भक्त वाकई महाराष्ट्र के बेटे हैं? संजय राऊत ने यह भी सलाह दी कि उन्हें इस पर विचार करना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी पूछा कि क्या राणे और राज ठाकरे ने एक बार भी अपना मुंह तब खोला, जब मोदी-शाह ने महाराष्ट्र और मुंबई में परियोजनाओं को हाईजैक कर लिया?
मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने कोकण में नारायण राणे के प्रचारार्थ आयोजित सभा में बयान दिया कि हमें बेंच बनानेवाले अथवा मोदी वैâबिनेट में जाकर काम करनेवाले सांसद चाहिए। इस बयान पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने जमकर खबर लेते हुए कहा कि बेंच उठानेवालों ने ही देश और लोकतंत्र को बचाया है। राज ठाकरे ने कल कोकण के कई बड़े नेताओं का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि नारायण राणे ने मोदी मंत्रिमंडल में महाराष्ट्र और कोकण के लिए क्या दीपक जलायाा, इसका खुलासा उनकी वकालत करनेवालों को करना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि बेंच बनाने वाले सांसद यानी क्या? मंत्रिमंडल में नहीं गए मतलब बेंच बनानेवाले क्या? यह एक तरह से बै. नाथ पै का अपमान है। सांसद संजय राऊत ने कहा कि बै. नाथ पै कोकण के बहुत ही प्रख्यात वक्ता और सांसद थे। पंडित नेहरू उनका भाषण सुनने के लिए रुकते थे। मधु दंडवते कोकण से चुने जाते थे। वे बाद में मंत्री हुए। ऐसे कई सांसद कोकण से चुने गए और उन्होंने देश और अपने क्षेत्र की समस्याओं को रखा। वे क्या बेंच बनानेवाले सांसद थे क्या? चाटुकारिता करके, दसों दल बदलकर मंत्री पद पाना विकास नहीं है। बेंच बनानेवालों ने इस देश और लोकतंत्र को बचाया, जबकि बेंच बजाकर लोकतंत्र के बारे में सवाल पूछनेवाले १४० सांसदों को मोदी-शाह ने निलंबित कर दिया। यह बेंच बनानेवालों की ताकत है। इस तरह का तंज सांसद संजय राऊत ने कसा।

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