मुख्यपृष्ठस्तंभब्रेकिंग ब्लंडर : भ्रष्टाचार हमारी रग-रग में है

ब्रेकिंग ब्लंडर : भ्रष्टाचार हमारी रग-रग में है

राजेश विक्रांत
हम ईडी सरकार हैं। हमारी पहचान भ्रष्टाचार है। हमारा कर्म व धर्म भ्रष्टाचार है। हम इसे डंके की चोट पर करते हैं। किसी से डरते नहीं। अधिकारी हो या मंत्री हमने सभी को भ्रष्टाचार करने की खुली छूट दे रखी है। सभी के लूटपाट का अपना अपना स्टाइल है।
हमारे बारे में जो लोग कहते हैं कि ये सरकार भ्रष्टाचार ट्रेनिंग सेंटर है तो कुछ गलत नहीं कहते। हम परियोजनाओं के टेंडर में एस्टीमेट को दोगुना-तिगुना इसलिए दिखाते हैं कि हमारे लिए भी पर्याप्त जुगाड़ बना रहे।
हमें यह भी मालूम है कि आप नेता, मंत्री, नगरसेवक, विधायक, सांसद, सरकारी अफसर, कमीशनखोर, ठेकेदार, पुलिसमैन, क्लर्क आदि प्रजातियों में से किसी एक को रिप्रजेंट करते हैं। इस नाते, भ्रष्टाचार आप सबका भी जन्म-सिद्ध अधिकार है और आप सभी इस कला के जानकार होंगे ही, पर क्या है कि यह इक्कीसवीं सदी है। मार्केटिंग की सेंचुरी, साइंस एंड टेक्नालॉजी की शताब्दी है, जिसमें हर चीज की वैज्ञानिक ढंग से ट्रेनिंग ली जाती है! चोरी-डकैती, नेतागीरी, पॉकेटमारी आदि के बाकायदा स्कूल होने लगे हैं।
जहां उपरोक्त सत्कर्मों का पाठ्यक्रम तैयार किया गया है, उनमें पढ़ाई के बाद लिखित एवं प्रैक्टिकल परीक्षा होती है और इन स्कूलों से पास आउट्स की उस क्षेत्र में इज्जत बढ़ जाती है, चूंकि भ्रष्टाचार और ईडी सरकार का चोली दामन का साथ है, जैसे दूध में चीनी घुलनशील है, उसी तरह भ्रष्टाचार ईडी सरकार में घुलनशील है।
इसलिए हमारे हर नेता को भ्रष्टाचार करने तथा पद से न हटने का जन्मसिद्ध अधिकार है। सरकारी हों या निजी सौदे सभी में दलाली नामक पवित्र चीज का लेन-देन कानूनी शक्ल अख्तियार कर चुका है। अफसर, बाबू, पुलिसमैन से लेकर बड़ी-बड़ी कंपनियों के मुखिया तक श्री श्री १००००८ करप्शन देव जी महाराज की नित्य पूजा करते हैं। हालांकि, अभी भी इस हिंदुस्थान में ईमानदार नामक लोग निवास करते हैं, पर वे किस गली-मोहल्ले में हैं, इसका पता फिलहाल चल नहीं पाया है। वैसे, हमारे देश में बहुत सारे लोग अपनी ईमानदारी की ऐसी मिसाल प्रस्तुत करना चाहते हैं कि जन्म-जन्मांतर तक लोग याद करें, लेकिन वस्तु एवं सेवा कर- जीएसटी, आयकर, संपत्तिकर, सीमाशुल्क, आबकारी, गृहकर, उपहारकर आदि की दरें इतनी ऊंची हैं कि बेईमानी करनी ही पड़ जाती है और एक बार पैर फिसला तो फिसलता ही चला जाता है।
इसका मतलब यह है कि आधुनिकता के दौर में कदम-कदम पर भ्रष्टाचार है। लोहा-लोहे को काटता है इसलिए भ्रष्टाचार युग में भ्रष्टाचार को जानकर, समझ कर ही प्रोग्रेस हासिल की जा सकती है, लिहाजा हमने ईडी सरकार में एक नया भ्रष्टाचार ट्रेनिंग सेंटर भी खोल दिया है। जहां पर आपको भ्रष्टाचार की वैज्ञानिक ट्रेनिंग दी जाएगी। भ्रष्टाचार शास्त्र, रिश्वत विज्ञान, दलाली शास्त्र आदि महत्वपूर्ण विषयों पर हमारी अनुभवी पैâकल्टीज आपको थ्योरी और प्रैक्टिकल की शिक्षा देंगे। अनुभवी लोग अवश्य आपको परफेक्ट करप्ट बना देंगे। वे यह भी बताएंगे कि कैसे २ लाख रुपए में एक पेड़ लगाया जाता है? मंत्रीगण कैसे वसूली करें? अधिकारी कैसे दलाली हासिल करें?
हमारे ट्रेनिंग सेंटर की फीस आपकी भावी कमाई में से सिर्फ २५ फीसदी होगी। यानी कि इसे अभी देने की जरूरत नहीं। कमाई करने के बाद भुगतान करना होगा।

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