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गड़े मुर्दे :  बशीर शेख: मुंबई में तहव्वुर राणा और डेविड हेडली के बीच की अहम कड़ी

जीतेंद्र दीक्षित
२६/११ मुंबई हमले का आरोपी तहव्वुर राणा पिछले हफ्ते अमेरिका से प्रत्यर्पित होकर भारत आ गया। ये कहानी राणा के मुंबई में परिचित बशीर शेख की है, जिसने राणा के दोस्त डेविड हेडली की मुंबई में पैर जमाने में मदद की थी। राणा, जो पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, उस पर शिकंजा कसने में बशीर शेख की भूमिका अहम साबित हो सकती है।
जब राणा का जिगरी यार डेविड हेडली लश्कर-ए-तैयबा की चाल पर मुंबई में तबाही के रास्ते खोजने आया तो सबसे पहले मुंबई शहर को समझने के लिए उसने बशीर की ही उंगली पकड़ी।
१४ सितंबर २००६ को जब हेडली पहली बार मुंबई उतरा तो बशीर ने छत्रपति शिवाजी महाराज हवाई अड्डे पर उसका स्वागत किया। वहां से सीधे उसे स्टर्लिंग सिनेमा के पास वाले एक छोटे से होटल ‘आउटराम’ में ठहराया।
१० साल बाद, फरवरी २०१६ में, जब हेडली ने वीडियो लिंक के जरिए मुंबई की विशेष अदालत में अपना राज खोला तो उसने बशीर शेख का नाम पूरी साफगोई से लिया। १२ फरवरी को कोर्ट में गवाही के दौरान हेडली ने बताया कि राणा ने ही बशीर से उसकी जान-पहचान करवाई थी और कहा था कि मुंबई में बशीर उसकी मदद करेगा।
हेडली ने बशीर से मुलाकात २६/११ से पहले और बाद में भी की। वह २००९ में फिर भारत लौटा-दिल्ली और पुणे में अगली वारदातों की जमीन देखने। इतना ही नहीं, अमेरिकी अफसरों से पूछताछ में भी बशीर की भूमिका का जिक्र उसने बड़े साफ तौर पर किया।
लेकिन बशीर शेख आज कहां है-कोई नहीं जानता। न तो मुंबई पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और न ही एनआईए ने। कुछ अफसरों की मानें तो बशीर जोगेश्वरी के इलाके में रहता था, जहां उसकी एक डेयरी थी। राणा से उसकी मुलाकात अमेरिका यात्रा के दौरान हुई थी। बशीर कनाडा जाना चाहता था और राणा, जो इमिग्रेशन का कारोबार चलाता था, उसका टिकट बनाने वाला था। अब यह बात रहस्य ही है कि बशीर को इस आतंकी खेल की असली तस्वीर पता थी या नहीं। बहरहाल, बशीर अब कहां है (मुंबई में या कनाडा में), ये गुत्थी अभी सुलझनी बाकी है। लेकिन यह तय है कि हेडली और राणा के बीच वह एक अहम पुल की तरह है। अगर उसका सुराग मिल जाए और वह गवाही दे दे तो राणा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
राणा के खिलाफ अब तक का केस हेडली के बयान और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों के सहारे टिका है। वो पहला विदेशी साजिशकर्ता है, जिसे भारत ने गिरफ्त में लिया है। वहीं, एक और नाम है अबू जुंदाल उर्फ जबीउद्दीन अंसारी का, जो महाराष्ट्र का है और मुंबई की जेल में बंद है। मुंबई हाई कोर्ट ने उसके मुकदमे पर फिलहाल ब्रेक लगा दी है। लेकिन जैसे-जैसे वक्त आगे बढ़ेगा, इस कहानी के और भी पन्ने खुल सकते हैं और शायद बशीर का नाम फिर से सुर्खियों में हो।
(लेखक एनडीटीवी के सलाहकार संपादक हैं।)

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