केंद्र सरकार की पोल खोलकर खड़गे ने की खटिया खड़ी
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में भले ही पिछले पांच वर्षों के दौरान बड़ी गिरावट देखने को मिली हो, लेकिन आम लोगों को महंगे पेट्रोल-डीजल के दामों से कोई राहत नहीं मिली है। लेकिन इन पांच वर्षों में केंद्र और राज्य सरकारों ने पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लगाकर अपना खजाना जरूर भर लिया है। संसद में प्रश्नकाल में पूछे गए सवाल के जवाब में ये जानकारी सामने आई है। वित्त वर्ष २०१९-२० के बाद से लेकर मौजूदा वित्त वर्ष २०२४-२५ की पहली तिमाही अप्रैल-जून तक पेट्रोल-डीजल पर टैक्स के जरिए केंद्र और राज्य सरकारों ने ३६.५८ लाख करोड़ रुपए की कमाई की है। इसे लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार की पोल खोलकर खटिया खड़ी कर दी है। खड़गे ने कहा, `मई २०१४ से लेकर अब तक अंतर्राष्ट्रीय क्रूड ऑयल में ३२ प्रतिशत की गिरावट आई है, लेकिन मोदी सरकार ने लोगों को कोई राहत नहीं दी। पेट्रोल-डीजल पर लूट जारी है।
राज्यसभा में प्रश्नकाल में कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पेट्रोलियम मंत्रालय से मई २०१९ के बाद से पेट्रोल डीजल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी, दूसरे टैक्स और सेस लगाकर वसूले गए रेवेन्यू की जानकारी मांगी। इस प्रश्न के लिखित जवाब में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक, वित्त वर्ष २०१९-२० से लेकर वित्त वर्ष २०२४-२५ की पहली तिमाही अप्रैल-जून तक केंद्र और राज्य सरकार ने मिलकर ३६,५८,३५४ करोड़ रुपए वसूले हैं। जबकि पिछले पांच वित्त वर्ष २०१९-२० से लेकर २०२३-२४ के दौरान केंद्र और राज्य सरकार ने टैक्स के जरिए ३५ लाख करोड़ रुपए की कमाई की है।