-अब टिकटों पर रु. २ टोल की वसूली शुरू
सामना संवाददाता / मुंबई
महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल में मुंबई की दूसरी लाइफ लाइन समझी जाने वाली बेस्ट बसों के किराए काफी सस्ते रखे गए था। मगर अब ‘ईडी’ २.० सरकार ने दो हफ्ते पहले ही किराए को बढ़ाकर दोगुना कर दिया है। यह काफी नहीं था, इसके बाद अब बेस्ट यात्रियों से टोल भी वसूला जा रहा है। हैरानी की बात है कि कार सवारों के लिए टोल प्रâी है, मगर इस सरकार के राज में बेस्ट बसों के यात्रियों से टोल वसूला जा रहा है।
इस मामले में बेस्ट प्रशासन का कहना है कि अब जब रियायती किराए हटा दिए गए हैं, तो टोल वसूली फिर से शुरू कर दी गई है। बेस्ट के एक अधिकारी ने कहा कि पहले बेस्ट यात्रियों से एक रुपए का टोल वसूलती थी, लेकिन जब २०१९ में सभी रियायतों को जोड़कर बस का किराया पांच रुपए कर दिया गया था, तब टोल भी माफ कर दिया गया था। अब जब सभी रियायतें हटा दी गई हैं और टोल वापस वसूला जा रहा है।
बांद्रा निवासी अंकित तिवारी ने कहा कि बेस्ट ने एक तो किराया दोगुना कर दिया है, ऊपर से टोल टैक्स की वसूली कर रहा है। आम आदमी को लूटा जा रहा है और सरकार को सुध नही है। जल्द से जल्द टोल टैक्स को हटाया जाना चाहिए। मुलुंड निवासी राजीव सोनगांवकर ने कहा कि निजी वाहनों को टोल टैक्स की छूट है, तो आखिरकार बेस्ट बसों के यात्रियों के लिए क्यों नहीं है? यह लूटने की साजिश है। पहले किराया बढ़ाया और अब टोल टैक्स में भी दो रुपए की वृद्धि कर दी है।
रिक्शा-टैक्सी चालकों की चांदी
गोरेगांव निवासी फिरोज पटेल ने कहा कि बेस्ट बस का किराया डबल करने के बाद यात्री अब शेयर रिक्शा और टैक्सी का चयन कर रहे हैं। यह बेस्ट के मुकाबले ज्यादा जल्दी गंतव्य तक पहुंचाते हैं। इससे रिक्शा और टैक्सी चालकों की चांदी हो गई है। उन्होंने कहा कि टोल टैक्स वसूलना ज्यादती है।
सरकार के पास नहीं है फंड देने के पैसे
एक यात्री ने कहा कि यह बहुत चौंकाने वाली बात है कि बेस्ट अब अपने यात्रियों से टिकट में टोल वसूल रही है। हैरानी की बात यह है कि सरकार के पास बेस्ट उपक्रम को फंड देने के लिए पैसे नहीं हैं और दूसरी तरफ कोस्टल रोड जैसी प्रीमियम सुविधा मुफ्त में दी जा रही है।