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योगी राज में लापरवाह स्वास्थ्य विभाग …शहीद के शव को नहीं मिला सम्मान

मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ

पाकिस्तान से चल रहे युद्ध के दौरान यूपी सरकार का स्वास्थ्य महकमा चाराें ओर योगी आदित्यनाथ की फजीहत करवा रहा है। इटावा में सेना के शहीद जवान के शव के साथ प्रशासनिक लापरवाही सामने आई है। जम्मू-कश्मीर के टंगडार में शहीद हुए हवलदार सूरज सिंह यादव का पार्थिव शरीर जब उनके जिले इटावा लाया गया, तो जिले की अव्यवस्थाएं और प्रशासनिक लापरवाही खुलकर सामने आ गईं।

शहीद का शव चार घंटे तक रखने के लिए जिला अस्पताल और पोस्टमार्टम हाउस में उचित व्यवस्था न होने के कारण परिजनों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। शहीद जवान के शव पर हुई लापरवाही से आक्रोशित नागरिकों ने जिला प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताते हुए नारेबाजी की। उन्होंने पोस्टमार्टम हाउस पर जमकर हंगामा किया। देर रात तक हंगामा चलता रहा। प्रशासनिक लापरवाही सपा और भाजपा ने भी नाराजगी जताई। भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष ने इस प्रकरण से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अवगत कराया। शहीद जवान के शव के साथ हुई लापरवाही पर लोगों में भारी गुस्सा है।

शहीद सूरज सिंह यादव इटावा जिले के चकरनगर तहसील के प्रेमका पुरा गांव निवासी थे, बीते मंगलवार को सेना के काफिले के साथ जाते समय वाहन दुर्घटना में वह शहीद हो गये थे। गुरुवार को जब उनका शव देर रात इटावा लाया गया, तो उसे सबसे पहले डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संयुक्त जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखा जाना था, लेकिन वहां फ्रीजर खराब था और साफ-सफाई की स्थिति बेहद खराब थी। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के फ्रीजर में रखने के लिए ले जाया गया, तो वहां भी फ्रीजर खराब मिला। परिजनों ने मौके पर पहुंचे अधिकारियों को वस्तु स्थिति से अवगत कराया। देर रात एडीएम अभिनव रंजन श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे, लेकिन मीडिया द्वारा सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कैमरे जबरन बंद करवाने के निर्देश दिए, जिससे माहौल और तनावपूर्ण हो गया। घटना की सूचना मिलने पर समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव गोपाल यादव और भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष अरुण गुप्ता मौके पर पहुंचे।

दोनों नेताओं ने लापरवाही पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि शहीद के साथ ऐसा व्यवहार बेहद निंदनीय है।बताते हैं कि भाजपा जिलाध्यक्ष ने इस बाबत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी जानकारी दी और स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए हैं। परिजनों का आरोप है कि जिला प्रशासन ने शहीद का सम्मानजनक व्यवस्था नहीं की गई। उनके पार्थिव शरीर के लिए समय से कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं दिखी। शहीद को मिलने वाला गरिमामय सम्मान प्रशासनिक अनदेखी की भेंट चढ़ गया।
इस संदर्भ में जिलाधिकारी इटावा ने दोका सामना को बताया कि ऐसी कोई बात नहीं है।बॉडी फ्रीजर में रखते समय कुछ लोग ताबूत समेत रखने की जिद कर रहे थे।जो संभव नहीं था।बाद में सब लोग संतुष्ट हो गये

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