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गोद लिए हुए बच्चों की बेरहमी से पिटाई करने वाले दंपत्ति के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज

राधेश्याम सिंह / वसई

नालासोपारा में एक दंपत्ति ने गोद लिए गए 7 और 3 साल के बच्चों की बेरहमी से पिटाई करने का मामला सामने आया है। इन बच्चों को महज 3 महीने पहले ही गोद लिया गया था। पड़ोसियों द्वारा चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचना दिए जाने के बाद बच्चों को बचाया गया। पिटाई इतनी बेरहमी से किया गया कि एक बच्चे का हाथ टूट गया। इस मामले में अचोले पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सचिन पोरे और कविता पोरे नालासोपारा ईस्ट के अग्रवाल नगरी में वीणा सरस्वती बिल्डिंग में रहने वाले एक जोड़े हैं। सचिन पोरे एक निजी कंपनी में काम करते हैं, जबकि उनकी पत्नी कविता एक गृहिणी हैं। फरवरी 2025 में उन्होंने अभिषेक (7 साल 8 महीने) और राजेश (3 साल 8 महीने) को गोद लिया। हालांकि, वे दोनों बच्चों को मारते-पीटते थे। बच्चों के चीखने-चिल्लाने की आवाजें लगातार आती रहती थीं। जब पड़ोसियों ने पूछा तो दंपती ने उन्हें डांटते हुए कहा कि यह हमारा अंदरूनी मामला है और आप लोगों को इसमें दखल नहीं देना चाहिए। लेकिन पड़ोसी हर रात बच्चों के रोने और पिटाई की आवाजों से परेशान थे। इस मामले में पड़ोसियों ने पालघर जिला महिला एवं बाल विकास गठबंधन की हेल्पलाइन नंबर 1098 पर संपर्क कर मामले की जानकारी दी। इसके बाद चाइल्ड हेल्पलाइन विभाग की एक टीम दंपत्ति के घर पहुंची। उस समय बच्चे घायल अवस्था में पाए गए। दंपति ने कबूल किया कि उन्होंने बच्चों को इसलिए पीटा, क्योंकि वे पढ़ाई नहीं कर रहे थे और दूसरे बच्चों की तरह नहीं थे। पीड़ितों के हाथ और पैर पर नाखूनों के निशान थे और हाथ सूज गया था। 7 वर्षीय अभिषेक का हाथ फ्रैक्चर हो गया था। इस संबंध में जिला बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षक राजेश भालिंगे ने आचोले पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है। इस शिकायत के आधार पर दंपत्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 117 (2) और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 75 के तहत मामला दर्ज किया गया है। लेकिन दंपति को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। इन बच्चों की मेडिकल जांच और उपचार किया जा रहा है। बच्चे अब सुरक्षित हैं और उन्हें पालघर के उमरोली स्थित एक नर्सिंग होम में रखा गया है। इन बच्चों को इस दंपत्ति को वापस नहीं दिया जाएगा। साथ ही वे भविष्य में बच्चों को गोद भी नहीं ले सकेंगे। इस तरह की जानकारी जिला बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षक राजेश भालिंगे ने दी है।

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