सखाराम बाइंडर
बात उन दिनों की है, जब मोबाइल इंटरनेट का इतना चलन नहीं था। यूं कह लें ८० के दशक का आखिरी हिस्सा। उस जमाने में फिल्म के लिए हीरोइन ढूंढ़ना, मतलब भूसे के ढेर में सुई ढूंढ़ने वाली बात थी। दुनिया भर में भटककर एक ऐसी लड़की लाओ जो खूबसूरत हो, एक्टिंग कर सके, डांस कर सके और उसके घर वाले भी राजी हों, उसे फिल्मों में काम कराने के लिए। इस काम के लिए बड़े-बड़े एजेंट और मैनेजर होते थे। ब्यूटी कॉन्टेस्ट से लेकर पत्र पत्रिकाओं में छपने वाले इश्तिहार, यहां तक कि तवायफों के कोठों पर भी नजर रखी जाती थी। कहीं कोई काम की लड़की मिल जाए बस। और जब कहीं से किसी को कोई हीरोइन मटेरियल लड़की मिल जाती थी, तो यह खबर पूरी फिल्म इंडस्ट्री में जंगल की आग की तरह फैल जाती। बड़े-बड़े हीरो, प्रोड्यूसर, डायरेक्टर होड़ में लग जाते, उस लड़की को अपने कैंप में लेने के लिए।
इस दौर में एक बहुत बड़े मशहूर निर्माता निर्देशक हुए, जिन्होंने बड़े-बड़े सुपरस्टार हीरो-हीरोइन के साथ सुपरहिट फिल्में ही नहीं दी, बल्कि उनकी पहली फिल्म की हीरोइन ही बहुत बड़ी सुपरस्टार निकली। उनके ज्यादातर सब्जेक्ट हीरोइन बेस्ड के ही होते थे। भाई बोले तो पिक्चर की हीरोइन इच हीरो होती थी। तो भाई यह निर्माता निर्देशक को हमेशा नई हीरोइन की तलाश रहती थी और फिल्मों में आने की तमन्ना रखने वाली नई लड़कियों को इनमें बहुत उम्मीद दिखती थी। कुल मिलाकर यह साब बड़े वाले शिकारी थे। हजार की भीड़ में से अपने मतलब की लड़की ऐसे उठाते थे, जैसे चुंबक रेत के ढेर से लोहे की कील को खींचकर उठा लेता है। तो ऐसे ही, यह भाई नॉर्थ इंडिया के एक बड़े शहर में गए हुए थे। वहां एक शादी समारोह में एक १७-१८ साल की लड़की अपने परिवार के साथ आई हुई थी। लड़की इनकी नजर में आ गई। नजर में तो आना ही था, भाई लड़की थी भी बेहद खूबसूरत। बला की खूबसूरती। मतलब जितना खूबसूरत तुम सोच सकते हो, उससे भी १० गुना ज्यादा खूबसूरत। विश्वास करो।
बस फिर क्या था इन साब ने लड़की के घरवालों से परिचय किया। घर वाले भी इन साब से मिलकर बहुत खुश हो गए। भाई इतना बड़ा निर्माता निर्देशक भाव दे रहा था आखिर। फिर धीरे से इन साब ने लड़की के घर वालों के आगे ऑफर फेंक दिया, `आपकी लड़की बहुत खूबसूरत और टैलेंटेड है यहां जिंदगी बर्बाद कर रही है। मेरे साथ भेज दीजिए। हीरोइन बना दूंगा, लाइफ बना दूंगा, आसमान पर बिठा दूंगा, `सॉलिड वाला बोल बच्चन समझे ना और यह भाई साहब ने घर वालों को बाटली में उतार लिया। साब लड़की को ले आए मुंबई। एक शानदार जगह पर, शानदार फ्लैट में रखा और खुद रोज आने-जाने लगे। लड़की को बोल दिया अगली पिक्चर में हीरोइन बनाऊंगा। फिर अगली पिक्चर तो न जाने कब बनी पहले लड़की को ही कंप्रोमाइज करा डाला। साब का डिंग डांग शुरू हो गया। अगली-अगली बोल के तीन-चार पिक्चर बना डाली, मगर लड़की को हीरोइन नहीं बनाया।
अच्छा इसी दौरान यह सब अपने फाइनेंसर और दूसरे दोस्तों की दारू पार्टी भी उस फ्लैट पर करने लगे। पार्टी में आने वाले यार-दोस्त सबको पता था कि यह लड़की इन साब की खास है इसलिए कोई दूसरा उसकी तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखता था। मगर बिल्ली के आगे दूध रखोगे तो कब तक चुप रहेगी? कभी तो मुंह मार ही देगी, तो बस ये साब की दारू पार्टी में आने वाले दोस्तों में से एक की नियत फिसल गई, उसने मौके का फायदा उठाया और लड़की को इन साब के खिलाफ भड़काना शुरू कर दिया। बोले तो `अरे कुछ नहीं, यह साला झूठ बोल रहा है, यह तुमको हीरोइन नहीं बनाएगा। यह तुम्हारा फायदा उठा रहा है।’ समझे न, मतलब फुल कालाकांडी कर डाला। ले भाई, अब लड़की गई भड़क, जो निर्माता निर्देशक उसको साथ लाया था उसको बोली, `मुझे तुम्हारे साथ नहीं रहना है। तूने मेरे साथ बहुत डिंग-डांग कर लिया, आज से सब बंद’ ऐसा बोला और अगले दिन चली गई सीधे उस दोस्त के पास। अरे भाई वही दोस्त, जिसने कालाकांडी करके उसको भड़काया था। लेकिन इधर शाट और भारी था। यह आदमी शादीशुदा था और ऊपर से इसकी बीवी भी साथ ही रहती थी, मगर इस आदमी ने भी ठान लिया था, हाथ आई बाजी जाने नहीं दूंगा।
तो भाई ने अपनी बीवी को तलाक दिया। बच्चों को छोड़ दिया और लड़की से शादी कर डाला, फिर लड़की के चक्कर में प्रोड्यूसर बन गया। पिक्चर बनाई लड़की को हीरोइन बनाया, अब हीरोइन है तो हीरो के साथ गाना भी गाएगी, रोमांस भी करेगी, मगर यह देखकर इस भाई की खूब जलने लगी। आखिर लड़की थी भी बहुत सुंदर, उसको हर कोई भाव देता था और यह आदमी अधेड़ उम्र का बुढ्ढा, तो यह सब देखते उस आदमी ने डिसाइड कर लिया कि इस पिक्चर के बाद इस लड़की से फिल्मों में काम नहीं करवाऊंगा, उसने प्रोड्यूस तो बहुत सारी फिल्में की, मगर फिर कभी उस लड़की को हीरोइन नहीं लिया। लड़की मतलब जो उसकी बीवी बन चुकी थी।
इस बात से यह लड़की बहुत उदास रहने लगी। उसको लगने लगा कि बस सबने उसका इस्तेमाल किया है और तो और जले पर नमक छिड़कने वाली बात यह हो गई कि इस आदमी का, मतलब इसके प्रोड्यूसर पति का, फिल्मों की मशहूर साइड हीरोइन के साथ चक्कर भी चालू हो गया। अब इस लड़की की औकात बिल्कुल खत्म हो गई। उसके बाद लड़की ने बदला लेने के लिए जो किया, उसने उसको और बर्बाद कर दिया। लड़की ने दोनों हाथों से अपने बुड्ढे प्रोड्यूसर के पैसे उड़ाने शुरू कर दिए, रोज क्लब जाना, रोज शराब पीना और रोज एक नए मर्द को डेट करना और कुछ ही सालों में इस लड़की की जिंदगी तबाह हो गई। इसलिए इधर सबक सीखने का। फिल्मी दुनिया के दीवानों, इस राह पर नहीं चलने का। चलना भी पड़े तो संभल-संभल कर।