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चंद्रकांत दादा की दबंगई … बिलख रहे किसानों के साथ बैठकर बात करने को तैयार नहीं!

खड़े होकर की चर्चा, दादा के अड़ियल रवैये पर भड़के किसान
सामना संवाददाता / मुंबई
शक्तिपीठ महामार्ग को लेकर आंदोलनकारियों और पालक मंत्री चंद्रकांत पाटील के बीच जमकर बहस देखने को मिली है। चंद्रकांत पाटील के रवैये पर किसानों ने जमकर उल्टे-सीधे शब्दों में लताड़ लगाई। शक्तिपीठ महामार्ग के विरोध में किसान कामगार पक्ष के नेतृत्व में किसानों ने पालक मंत्री चंद्रकांत पाटील से मुलाकात कर चर्चा की मांग की। लेकिन चंद्रकांत पाटील ने बैठकर नहीं, बल्कि खड़े रहकर ही चर्चा होगी, ऐसा अड़ियल रवैया अपनाया। इस दौरान उन्होंने आंदोलनकारियों को शांति से बोलो, ऐसी चेतावनी भरा निर्देश भी दिया, जिसके बाद आंदोलनकारी किसान भड़क गए।
बता दें कि सांगली जिलाधिकारी कार्यालय में किसानों ने पाटील को घेर लिया। इस दौरान मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा कि महामार्ग को किसानों का विरोध नहीं है तो फिर आप लोग कौन हैं? क्या जमीन अधिग्रहित की गई है? ऐसा कहते हुए उन्होंने किसानों को ही घेरने का प्रयास किया। किसानों ने भावुक होकर कहा कि हम पिछले एक साल से सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि शक्तिपीठ महामार्ग बंद किया जाए। हम उजड़ रहे हैं, बेरोजगार हो रहे हैं, हमारी जिंदगी बर्बाद हो रही है।
इस पर चंद्रकांत पाटील ने कहा कि मैं अंदर बैठकर नहीं, यहीं खड़े रहकर बात करूंगा। यह दबंगई नहीं चलेगी। मैं यहां खड़ा हूं, भाग नहीं रहा हूं। इस बीच जब कोई व्यक्ति मोबाइल से वीडियो रिकॉर्ड कर रहा था तो मंत्री पाटील भड़क उठे। उन्होंने कहा कि शिष्टमंडल को पहले ही समय दिया गया है तो अब क्या फिल्म बना रहे हो? उसे डिलीट करो। यही कारण है कि आंदोलनों में गड़बड़ हो रहा है।

जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर नारेबाजी
इसके बाद नाराज किसानों ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर चंद्रकांत पाटील के काफिले के सामने जोरदार नारेबाजी करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया। किसान कामगार पक्ष के जिलाध्यक्ष दिगंबर कांबले ने कहा कि सांगली के प्रभावित किसान रो-रोकर अपनी बात कह रहे हैं। हजारों किसानों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर मोर्चा निकालकर विरोध दर्ज कराया है। इसके बावजूद पालकमंत्री चंद्रकांत पाटील कह रहे हैं कि सिर्फ ५ लोगों का विरोध है, जबकि बाकी ६५० लोग समर्थन में हैं। उन्हें किसानों की आंखों के आंसू क्यों नहीं दिखते? यही सवाल हर पीड़ित किसान का है।

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